Car Service: कार की सर्विसिंग में की गई लापरवाही की वजह से ना सिर्फ गाड़ी की परफॉर्मेंस ड्रॉप होती है बल्कि इसकी वजह से आपकी जेब पर बोझ भी बढ़ता है.
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Car Service: अगर आप अपनी कार की सर्विसिंग करवाने का सही समय नहीं जानते हैं तो आपको इस बारे में अच्छी तरह से जान लेना चाहिए. दरअसल ये समय कार के मॉडल, इस्तेमाल और ड्राइविंग सिचुएशंस पर निर्भर करता है. आमतौर पर कार निर्माता कंपनियां हर 6 महीने या 10,000 किलोमीटर (जो भी पहले हो) पर सर्विसिंग करवाने की सलाह देती हैं. हालांकि आपको अभी भी इसमें कन्फ्यूजन है तो आज हम आपको इसका सही समय बताने जा रहे हैं.
नई कार: नई कार की पहली सर्विसिंग आमतौर पर 1000 किलोमीटर पर करवाई जाती है.
पुरानी कार: पुरानी कारों के लिए, सर्विसिंग का गैप थोड़ा कम हो सकता है. दरअसल पुरानी कारों को ज्यादा केयर की जरूरत होती है. आपकी कार अगर 5 साल से ज्यादा पुरानी है, तो हर 3 महीने या 5000 किलोमीटर पर सर्विसिंग करवाना बेहतर होता है.
कठिन सिचुएशन में ड्राइविंग: अगर आप अपनी कार को ज्यादा गर्म या ठंडे मौसम में चलाते हैं, या फिर ज्यादा धूल भरे रास्तों पर चलाते हैं, तो आपको
बीच-बीच में सर्विसिंग करवानी चाहिए.
समय पर सर्विसिंग ना होने से पेश आती हैं ये दिक्कतें!
इंजन खराब होना: इंजन ऑयल समय पर बदलने से इंजन की उम्र बढ़ती है. अगर आप समय पर ऑयल नहीं बदलते हैं, तो इंजन खराब हो सकता है.
फ्यूल एवरेज कम होना: समय पर सर्विसिंग न करवाने से कार का माइलेज कम हो सकता है.
कार की लाइफ कम होना: अगर आप कार की देखभाल नहीं करेंगे तो इसकी लाइफ कम हो जाएगी.
अन्य छोटी-मोटी खराबी: समय पर सर्विसिंग न करवाने से कार में अन्य छोटी-मोटी खराबियां भी हो सकती हैं, जैसे कि ब्रेक पैड खराब होना, टायर खराब होना आदि.
कार की सर्विसिंग करवाते समय इन बातों का ध्यान रखें:
कार की सर्विसिंग मैनुअल को जरूर पढ़ें: कार की सर्विसिंग मैनुअल में कार के बारे में सारी जानकारी दी होती है.
अच्छी सर्विस सेंटर चुनें: कार की सर्विसिंग के लिए हमेशा किसी अच्छे और विश्वसनीय सर्विस सेंटर को चुनें.
सर्विसिंग के दौरान मौजूद रहें: सर्विसिंग के दौरान आप खुद भी मौजूद रह सकते हैं ताकि आप यह सुनिश्चित कर सकें कि आपकी कार की ठीक से जांच हो रही है.