Pitra Dosh ke Upay: पितृ दोष के चलते संतान नहीं होती है और यदि हो जाए तो जीवित नहीं रहती है. किसी को व्यवसाय में अपयश मिलता है. परिश्रम करने के बाद भी कर्ज बढ़ता जाता है.
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Pitra Dosh kya Hota Hai: किसी भी व्यक्ति की कुंडली में कई शुभ योग होते हैं तो कुछ दोष भी होते हैं. पितृ शाप के कारण बनने वाला दोष पितृ दोष कहलाता है. ज्योतिष शास्त्र के महान ग्रंथ वृहत पाराशरी में कुल 14 प्रकार के श्राप बताए गए हैं, जिसमें सबसे पहला है पितृ दोष. इस दोष के चलते संतान नहीं होती है और यदि हो जाए तो जीवित नहीं रहती है. किसी को व्यवसाय में अपयश मिलता है. परिश्रम करने के बाद भी कर्ज बढ़ता जाता है. किसी के धन का अपव्यय होता रहता है. लगातार विपत्तियों का सामना करना पड़ता है. खेती में भी अपयश मिलता है. घर व खेत के पशु अकारण ही मर जाते हैं. कर्ज का बोझ बढ़ता जाता है. घर में कोई न कोई हमेशा बीमार बना रहता है. माता-पिता से झगड़ा होता है. स्त्रियों को पीड़ा होती है. घर के किसी व्यक्ति का बिना बताए घर छोड़कर निकल जाना निकल जाना आदि घटनाएं होती हैं. पूरी मेहनत करने के बाद भी किए गए कार्यों में अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाती है या अनावश्यक रूप से देरी होती है.
मुश्किलों का सामना
परिवार में विवाह योग्य बच्चों की शादी में अनावश्यक रूप से देरी होना जबकि सारी परिस्थितियां अनुकूल हैं. परिवार में रोज नई मुश्किलों का आना, शरीर में अकारण ही दर्द और भारीपन रहना, बने-बनाए काम आखिरी में बिगड़ना आदि ऐसे कारण हैं जो पितृदोष के कारण होते हैं. कई बार इस दोष के कारण संतान दिव्यांग पैदा होती है.
उपाय
पितृदोष पितरों के नाराज होने पर बनता है यह दोष एक तरफ कुंडली के सारे राजयोग हों तो भी पितृदोष सब पर भारी पड़ता है. यदि आपकी कुंडली में पितृ दोष है तो इस समय सभी काम छोड़ कर केवल पितरों को प्रसन्न करने में जुट जाना चाहिए. 29 सितंबर से शुरु हो रहा पितृपक्ष आपके लिए सुनहरा अवसर हो सकता है. भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा और प्रतिपदा का श्राद्ध उसी दिन है. आपको पितरों को खुश करने के लिए दीन दुखियों की सेवा करनी चाहिए, ब्राह्मणों को भोजन कराके के दान दीजिए.
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