बैकफुट पर DDA और ASI; निजामुद्दीन दरगाह के पास गैर कानूनी सरकारी निर्माण पर लगी रोक
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बैकफुट पर DDA और ASI; निजामुद्दीन दरगाह के पास गैर कानूनी सरकारी निर्माण पर लगी रोक

Illegal Construction Ban: दिल्ली हाईकोर्ट ने  निजामुद्दीन दरगाह और बावली के पास एक अनधिकृत गेस्ट हाउस में किसी भी तामीर को रोकने के निर्देश दिए हैं. अदालत ने अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से एमसीडी अधिकारियों को हाजिर होने का निर्देश दिया है.

 

बैकफुट पर DDA और ASI; निजामुद्दीन दरगाह के पास गैर कानूनी सरकारी निर्माण पर लगी रोक

Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को संबंधित अधिकारियों को केंद्र संरक्षित निजामुद्दीन दरगाह और बावली के पास एक अनधिकृत गेस्ट हाउस में किसी भी तामीर को रोकने के निर्देश दिए हैं. कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने गैर कानूनी निर्माण पर नाराजगी जताते हुए चेतावनी दी कि इसकी जांच सीबीआई से भी कराई जा सकती है. अदालत की ये हिदायत जामिया अरबिया निजामिया वेलफेयर एजुकेशन सोसाइटी द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) की सुनवाई के दौरान आया, जिसमें दिल्ली डेवलेपमेंट अथॉरिटी (DDA) भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और अन्य प्राधिकरणों के अनधिकृत निर्माण को रोकने में नाकाम होने पर अफसरान के खिलाफ कार्रवाई का मुतालबा किया गया था.

MCD अधिकारियों को सुनवाई में हाजिर होने का निर्देश
संरक्षित बाराखंभा मकबरे और निजामुद्दीन बावली के 50 मीटर के अंदर स्थित गेस्ट हाउस को निर्माण किया जा रहा है. अर्जी में गेस्ट हाउस को ध्वस्त करने की भी मांग की गई है. अर्जी गुजार के वकील ने कहा कि 2018 के अदालत के हुक्म के बावजूद पंजीकरण प्रमाणन की कमी की वजह से प्रॉपर्टी को सील कर दिया गया, लेकिन गैर कानूनी तामीर जारी रही. अदालत ने उल्लंघनों पर ध्यान दिया और संबंधित क्षेत्र के एमसीडी के एडिशनल कमिश्नर को सुनवाई की अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया गया है.

ऐतिहासिक स्थानों को नुकसान
एएसआई के वकील ने अदालत को बताया कि संबंधित संपत्ति के मालिक को दिसंबर 2023 में एक नोटिस जारी किया गया था, और मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए लोकल पुलिस को भी लिखा था.चूंकि,  निर्माण अभी भी चल रहा था, अदालत ने कहा: "प्रतिवादियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है कि संपत्ति पर कोई निर्माण नहीं किया जाए". अर्जी में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि, ऐतिहासिक स्थानों पर गैर कानूनी निर्माण होने से तारीखी जगहों को नुकसान हो सकता है.

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