New Delhi: उमर खालिद पर आतंकवाद विरोधी कड़े कानून यूएपीए और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में आरोपियों में ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा, शिफा-उर-रहमान शामिल हैं.
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New Delhi: दिल्ली की एक कोर्ट ने आज यानी 14 मार्च को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व स्टूडेंट्स लीडर उमर खालिद के जरिए साल 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से संबंधित एक बड़ी साजिश के मामले में दायर नियमित जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए पुलिस को एक सप्ताह का अतिरिक्त वक्त दे दिया है.
21 मार्च को होगी सुनवाई
कड़कड़डूमा कोर्ट के विशेष न्यायाधीश समीर बाजपेयी ने खालिद की दूसरी नियमित जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए अब 21 मार्च की तारीख तय की है. जस्टिस ने विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) अमित प्रसाद के अधिक समय माँगने के आवेदन पर अभियोजन को समय दे दिया. एसपीपी ने कोर्ट को बताया कि खालिद की जमानत याचिका पर जवाब 18 मार्च को दाखिल किया जाएगा. वह सितंबर 2020 से हिरासत में है.
2022 में हो गई याचिका खारिज
अप्रैल 2022 में एक ट्रायल कोर्ट ने खालिद की पहली जमानत याचिका खारिज कर दी थी और बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी उसकी अपील खारिज कर दी. हाईकोर्ट ने 29 फरवरी को दिल्ली पुलिस से यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि क्या 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों में एक बड़ी साजिश का इल्जाम लगाने वाले यूएपीए मामले में उनकी जांच पूरी हो गई है या वह अतिरिक्त आरोपपत्र दायर करेगी.
इन लोगों पर है मुकदमा दर्ज
खालिद पर आतंकवाद विरोधी कड़े कानून यूएपीए और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में आरोपियों में ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा, शिफा-उर-रहमान, आसिफ इकबाल तन्हा, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद, सलीम खान, अतहर खान, सफूरा जरगर, शरजील इमाम, फैजान खान और नताशा नरवाल शामिल हैं.