Halal Certification: देश में हलाल सर्टिफिकेट बांटने वाले संस्थाओं में जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट और हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं. इंटरनेशनल हलाल प्रयायन फोरम मान्यता देने वाले संगठनों का एक इंटरनेशनल नेटवर्क हैं.
Trending Photos
Halal Certification: सरकार ने हलाल सर्टिफिकेट देने वाली संस्थाओं की मान्यता और निर्यात इकाइयों के रजिस्ट्रेशन का समय सीमा तीन महीने बढ़ाकर चार जुलाई कर दी है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने पिछले साल मांस और मांस उत्पादों के लिए हलाल सर्टिफिकेट प्रक्रिया के लिए नीति और शर्तों को नोटिफाइड किया था.
इसके साथ ही मौजूदा संस्थाओं को आई-सीएएस (भारत अनुरूप मूल्यांकन योजना) हलाल के लिए राष्ट्रीय प्रमाणन निकाय प्रत्यायन बोर्ड (NABCB) से पांच अप्रैल, 2024 तक मान्यता लेने का निर्देश दिया था. डीजीएफटी ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा, ‘‘हलाल प्रमाणन कंपनियों की मान्यता और निर्यात इकाइयों के रजिस्ट्रेशन का वक्त तीन महीने यानी चार जुलाई, 2024 तक बढ़ा दी गई है.’’
हलाल सर्टिफिकेट देने से पहले NABCB लेनी होगी इजाजत
विदेश व्यापार महानिदेशालय वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत आता है. यह एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट से संबंधित मुद्दों को देखता है. दिशानिर्देशों के मुताबिक मांस और उसके उत्पादों को 'Halal Certification’ के रूप में एक्सपोर्ट करने की इजाजत तभी दी जाती है, जब वे भारतीय गुणवत्ता परिषद के बोर्ड से मान्यता प्राप्त निकाय से मिले वैध हलाल सर्टिफिकेट वाली सुविधा में उत्पादित, प्रसंस्कृत और पैक किए जाते हैं. उन्हें NABCB से मान्यता लेनी होगी.
इतना अरब डॉलर का है कारोबार
नोटिफिकेशन के अंतर्गत आने वाले उत्पादों में भेड़ और बकरियों का ठंडा मांस, इसके साथ ही मवेशियों का मांस, मछली और इसी प्रकार के मांस उत्पाद आदि शामिल हैं. मुल्क से मांस और मांस उत्पादों के हलाल सर्टिफिकेट को सुव्यवस्थित करने के लिए भारत अनुरूप मूल्यांकन योजना विकसित की गई है. वैश्विक हलाल खाद्य बाजार 2021 में 1,978 अरब डॉलर का था. साल 2027 तक यह बाजार 3,907.7 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.
देश में दो कंपनियां देती हैं हलाल सर्टिफिकेट
देश में हलाल सर्टिफिकेट बांटने वाले संस्थाओं में जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट और हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं. इंटरनेशनल हलाल प्रयायन फोरम मान्यता देने वाले संगठनों का एक इंटरनेशनल नेटवर्क हैं, जो अपनी अर्थव्यवस्थाओं में हलाल मानकों को लागू करने के लिए जरूरी है. ऐसे ही संयुक्त अरब अमीरात, पाकिस्तान, मलेशिया, थाईलैंड, फिलीपींस और इंडोनेशिया के अपने-अपने हलाल मानक हैं. हालांकि, अभी तक कोई इंटरनेशनल हलाल मानक नहीं बने हैं.