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UP News: उत्तर प्रदेश के जिला बाराबंकी में मौजूद मोहल्ला नबीगंज में एक 15 साल के दलित किशोर का धर्म परिवर्तन करने के इल्जाम में तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में अब तक दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. अपर पुलिस अधीक्षक (उत्तरी) चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि करीब दो साल पहले बाराबंकी में कबाड़ का काम करने वाले मुर्शीद और उसके पिता रियासत अली नौकरी का लालच देकर आजमगढ़ के रहने वाले नाबालिग लड़के को साथ लाए थे. इसके बाद उसे नबीगंज में मौजूद एक रेस्तरां में काम पर रखवा दिया था.
अनाथ लड़के को दिया काम
चिरंजीव नाथ सिन्हा ने आगे बताया कि जब रेस्तरां के मालिक को पता चला कि लड़का अनाथ और दलित है, तो उसका कथित तौर पर धर्म परिवर्तन कराकर नूर मोहम्मद नाम रख दिया. उन्होंने बताया कि एक दिन रेस्तरां में खाना खाने आए बजरंग दल के जिला संयोजक विनय सिंह राजपूत को इस बारे में पता चला, तो उन्होंने कोतवाली नगर में शिकायत दर्ज कराई. सिन्हा ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021 तथा अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया और लड़के को आजमगढ़ से लाने वाले मुर्शिद और उसके पिता रियासत अली को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया.
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क्या है पूरा मामला?
रेस्तरां का मालिक फरार है. पुलिस पूछताछ के दौरान किशोर ने बताया कि वह मूलरूप से आजमगढ़ के अतरौलिया का रहने वाला है, उसके पिता ने दूसरी शादी मुस्लिम महिला से की थी, लेकिन पिता की हत्या के बाद मां ने उसे घर से निकाल दिया था. पुलिस पूछताछ में पता चला कि वह कबाड़ का काम करने वाले रियासत और मुर्शीद के संपर्क में आया, जिन्होंने उसे बाराबंकी में रेस्तरां में काम दिलवाया.
क्या है धर्म परिवर्तन?
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में अगर कोई अल्पसंख्यक शख्स किसी हिंदू शख्स का जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराता हुआ पाया जाता है, तो उसे उम्रकैद की सजा हो सकती है. पहले यह सजा कम थी लेकिन हाल ही में इसे और सख्त किया गया है.