सीधी भाषा में समझें तो जब बृहस्पति सूर्य के समीप आ जाते हैं तो इस स्थिति को ही बृहस्पति का अस्त होना कहते हैं. बृहस्पति के अस्त होने के कारण शुभ कार्यों का परिणाम मिलने में देरी होती है.
मृत संजीवनी विद्या सीखकर दैत्य गुरु देवताओं के साथ युद्ध में छल करने लगे थे. इस तरह देवता युद्ध हारने लगे और असुर जीतने लगे. संतुलन बिगड़ता देखकर श्रीहरि ने अमृत की खोज करने का सुझाव दिया.
गुरुवार को भगवान विष्णु का विशेष दिन होता है. इस दिन वासुदेव भगवान की पूजा करने से ग्रहों-नक्षत्रों के बुरे प्रभाव भी शुभ फल में बदल जाते हैं. जानिए क्या कह रही है आज की राशियां
Mahakumbh के आयोजन का आलम ऐसा है कि Haridwar पूरी तरह किसी रंगीन वेद-पुराण का अध्याय जैसा लग रहा है. आस्था और संस्कृति के रंगों में पूरी नगरी रंगी हुई है
श्रद्धालुओं की मान्यता है कि गंगा जल केवल अमृत तुल्य नहीं है, बल्कि इसमें वही अमृत मिला हुआ है, जो युगों पहले समुद्र मंथन से निकला था. कैसे मिल गया गंगा में अमृत?
Corona काल के बाद वाले इस बजट पर सबकी नजर है. ज्योतिष की नजर से देखें तो जिस तरह की ग्रहों की चाल और राशियों की स्थिति है तो ऐसे में स्वास्थ्य, रक्षा, सूचना और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए विशेष आर्थिक प्रावधान किए जाने की उम्मीद है.
आज मंगलवार का दिन और पौष शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है जो कि 9 :57 बजे तक ही रहेगी. इसके बाद बाद सप्तमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी. षष्ठी तिथि को अन्नपूर्णा षष्ठी कहते हैं.
Haridwar में लगने वाला Mahakumbh अपने आप में कई पुण्य कथाओं को समेटे हुए है. कहानियों के सिलसिले में एक कड़ी जमीन के नीचे यानी पाताललोक से भी जुड़ती है.
Haridwar Majakumbh का जो वरदान आज सनातन परंपरा को मिला हुआ है उसके सूत्रधार महर्षि दुर्वासा हैं. स्वभाव से क्रोधी ऋषि दुर्वासा कैसे बन गए कुंभ कथा के आधार, पढ़िए यह पौराणिक कथा.
जानकर आश्चर्य होगा कि एक ऐसा सूर्य मंदिर भी है जो पाकिस्तान के मुल्तान में है. वही मुल्तान, जिसके लिए पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग मुल्तान के सुल्तान कहलाते हैं. इस शहर का हिंदू भावनाओं और मान्यताओं के साथ गहरा नाता है.