नई दिल्लीः ज्योतिष के अनुसार जहां बृहस्पतिवार को बृहस्पतिग्रह का दिन माना जाता है, वहीं सप्ताह का यह दिन विशेष भगवान विष्णु को समर्पित होता है. सनातन परंपरा भगवान विष्णु को परब्रह्म कहती है और यह भी मानती है कि वही आदि गुरु हैं. इसी तरह हर गुरु का स्थान ब्रह्म से ऊंचा बताया गया है. कहा गया है कि गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः , यानी गुरु ही ब्रह्मा-विष्णु और महेश हैं. वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति को गुरु का दर्जा दिया गया है.
ये मुख्य रूप से ज्ञान, धर्म, दर्शन, संतान, विवाह और भाग्य का कारक होते हैं. ऐसे में गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा करके गुरु ग्रह की कृपा पाई जा सकती है और गुरु को प्रसन्न रखकर भगवान और ग्रह दोनों को प्रसन्न किया जा सकता है.
यदि व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति की स्थिति कमजोर हो तो इससे व्यक्ति के विवाह में देरी, संतान प्राप्ति में कठिनाई और जीवन के अन्य क्षेत्रों में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. बृहस्पति देव के हानिकारक प्रभावों से बचने के लिए आज गुरुवार को आप कई उपायों को अपनाएं तो जरूर लाभ होगा. इन्हें आजमाया जा सकता है.
नहाने के पानी में मिलाएं हल्दी
गुरु दोष को दूर करने के लिए गुरुवार के दिन अपने नहाने के पानी में चुटकी भर हल्दी डालकर स्नान करें. इसके साथ ही साथ नहाते वक्त “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें “ और मस्तक पर केसर का तिलक लगाएं.
इससे कुंडली में गुरु ग्रह के दोष दूर होते हैं. गुणी व्यक्तियों की ज्ञानवर्धक पुस्तकें दान करके गुरु के हानिकारक प्रभावों से बचा जा सकता है.
सुनें सत्यनारायण व्रत कथा
गुरुवार का व्रत रखें और यदि संभव हो तो केले के पौधे में जल अर्पित कर पूजा अर्चना करें. ऐसा करने से विवाह में आने वाली रुकावटों का समाधान होता है. गुरुवार के दिन विशेष रूप से सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करने के बाद भगवान् विष्णु की पूजा अर्चना करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें.
यदि आप गुरुवार का व्रत रखते हैं तो, इस दिन सत्यनारायण की व्रत कथा जरूर सुनें.
उधार देने से बचें
कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत बनाने के लिए बृहस्पतिवार के दिन किसी को उधार देते वक़्त ख़ास सावधानी बरतें. धन का लेन-देन करने से गुरु कमजोर होता है और इससे आर्थिक तंगी का सामना भी करना पड़ सकता है. बृहस्पति देव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए,
इस दिन खासतौर से बृहस्पति देव की प्रतिमा को विधि-विधान के साथ किसी पीले वस्त्र पर स्थापित कर, चंदन और पीले फूल से उनकी पूजा अर्चना करें. इसके साथ ही प्रसाद में चने की दाल और गुड़ चढ़ाएं.
पीले वस्त्र धारण करें
गुरुवार के दिन खासतौर से पीला वस्त्र धारण करना भी आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. इससे भाग्योदय के अवसर प्राप्त होते हैं. इस दिन खासतौर से ब्राह्मणों को भोजन कराने और उन्हें दान दक्षिणा देने से आपको विशेष लाभ प्राप्त हो सकता है.
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