मान्यता है कि इस चौमासे में कभी भी रुद्राभिषेक कराया जा सकता है. सोमवार महादेव का अभीष्ट दिन है और सावन का प्रत्येक दिन सोमवार जैसा ही है. यह तामसिक वृत्तियों को त्याग कर शुचिता को अपनाने का माह है.
सर्वोच्च अदालत के निर्देश के तहत रथयात्रा की ही तरह बुधवार को बाहुदा रथ यात्रा निकाली गई. भगवान जगन्नाथ मौसी के घर पर 9 दिनों तक रहने के बाद भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा को साथ लेकर महाप्रभु श्रीजगन्नाथ जी जन्म वेदी से रत्न वेदी को रवाना हुए.
मुंबई के लालबागचा राजा गणेशोत्सव मंडल ने इस बार कोरोना महामारी के मद्देनजर गणेशोत्सव आयोजित नहीं करने का फैसला किया है. इसके स्थान पर एक रक्त और प्लाज्मा दान शिविर स्थापित किया जाएगा.
रथयात्रा का आयोजन भारत की सांस्कृतिक धरोहर व पहचान रहा है. सदियों से चली आ रही इस परंपरा में लोग बढ़-चढ़ कर भाग लेते हैं. हालांकि इस बार भव्य भीड़ नहीं जुटाई गई. इसके साथ ही श्रद्धालुओं की संख्या पर प्रतिबंध लगाया गया था.
भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा भारत की सांस्कृतिक धरोहर है. यह सिर्फ भक्त और भगवान के बीच भावनात्मक बंधन का प्रतीक नहीं है. बल्कि यह प्रत्येक मनुष्य को उसके जीवन में भावनाओं का मर्म समझाती है.
21 जून, 2020 ऐतिहासिक दिन है. विश्व योग दिवस के अलावा आज करीब 500 साल बाद एक अद्भुत सूर्यग्रहण लगा है. आपको इस सूर्यग्रहण से जुड़ी संपूर्ण जानकारी दे देते..
ऊर्जा का सबसे प्रमुख स्त्रोत है सूर्यदेव और प्राणियों में बल की ऊर्जा भी इनकी किरणों से ही आती है. वैज्ञानिकों ने इसे विटामिन डी कहा है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए बहुत जरूरी है.
रविवार को दुनियाभर में छठा इंटरनेशनल योग दिवस (Intertnational Yoga Day) मनाया जाएगा. भारत में इसके लिए तैयारियां चल रही हैं. इस दौरान कई जगहों पर लोग योग दिवस के लिए अभ्यास भी कर रहे हैं.
आज यानी 21 जून 2020 को पड़ रहा है रविवार और इसी दिन पड़ रहा है सूर्य ग्रहण. इस बार बहुत विशेष है यह सूर्यग्रहण क्योंकि हज़ारों साल बाद विशेष संयोग बन रहे हैं इस वर्ष जून माह में इस विशेष रविवार के दिन..
ओडिशा के नयागढ़ स्थित बैद्येश्वर के पास महानदी की शाखा पद्मावती नदी के बीच लहरों के बीच से एक इमारत सामने आई. खोजबीन में सामने आया है कि यह करीब 500 साल पुराना विष्णु मंदिर है जो कि 150 साल पहले नदी में जलमग्न हो गया था.
जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन के कारण असम के शक्तिपीठ कामाख्या मंदिर का प्रसिद्ध अंबुवाची मेला इस साल नहीं लगेगा. यह इसिलए भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि पिछले लगभग 500 साल में पहली बार ऐसा हो रहा है, जब मंदिर के सबसे बड़े पर्व में कोई बाहरी साधक शामिल नहीं होगा.
भगवान शिव के चमत्कारों की कोई सीमा नहीं. वह देवों के भी देव हैं और हर काल में अपने अस्तित्व का दर्शन कराते हैं. मध्य प्रदेश के खजुराहो में ऐसा ही चमत्कारिक शिव मंदिर है जो आधुनिक विज्ञान के सामने किसी चुनौती से कम नहीं है.
हालांकि चंद्रमा या सूर्य को ग्रहण लगना वैज्ञानिक दृष्टि से महज एक खगोलीय घटना है. लेकिन ज्योतिष और तंत्र के विशेषज्ञ इसे अनेक अशुभ घटनाओं का कारण मानते हैं. खास तौर पर उस वक्त जब एक विशेष काल-खंड में कई प्रकार के ग्रहण लग रहे हों.
कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण भगवान के श्रद्धालुओं को मंदिरों में प्रभु की आराधना से वंचित रहना पड़ा है. उत्तराखंड सरकार इसी महीने की 8 तारीख से चारधाम यात्रा शुरू करने जा रही है.
भूखे की भूख, प्यासे की प्यास और दुखिया का दुख वही समझ सकता है, जिसने इन्हें झेला हो. व्रत-त्योहार और अनुष्ठान हमें समाज की इसी परस्पर समभाव वाली परंपरा से जोड़ते हैं. निर्जला एकादशी ऐसा ही अनुष्ठान है, जब मानव समुदाय ज्येष्ठ मास की तपती दुपहरी में खुद प्यास को अनुभव करता है और जल पिलाने के महत्व को समझता है.
गंगा नदी हिंदुस्तान की जीवनधारा है. करोड़ों लोगों के लिए गंगा उनकी जीवन रेखा है. गंगा की सांस्कृति और धार्मिक पहचान के अलावा गंगा का बहुत बड़ा आर्थिक महत्व भी है.