शुभ संयोग के साथ सावन शुरू, कर लो भोले की भक्ति

मान्यता है कि इस चौमासे में कभी भी रुद्राभिषेक कराया जा सकता है. सोमवार महादेव का अभीष्ट दिन है और सावन का प्रत्येक दिन सोमवार जैसा ही है. यह तामसिक वृत्तियों को त्याग कर शुचिता को अपनाने का माह है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 6, 2020, 09:06 AM IST
    • इस बार का सावन इसलिए भी विशेष है, क्योंकि इस बार पांच सोमवार पड़ रहे हैं
    • संयोग है कि सोमवार से ही शुरू होकर सावन मास सोमवार को ही समाप्त हो रहा है
शुभ संयोग के साथ सावन शुरू, कर लो भोले की भक्ति

नई दिल्लीः 6 जुलाई यानी सोमवार से पवित्र माह सावन की शुरुआत हो गई है. भगवान शिव को यह मास विशेष प्रिय है. चातुर्मास के समय में जब भगवान विष्णु शयन के लिए जाते हैं तो सृष्टि का संचालन कार्यभार रुद्रदेव पर आ जाता है.

मान्यता है कि इसीलिए इस चौमासे में कभी भी रुद्राभिषेक कराया जा सकता है. सोमवार महादेव का अभीष्ट दिन है और सावन का प्रत्येक दिन सोमवार जैसा ही है. यह तामसिक वृत्तियों को त्याग कर शुचिता को अपनाने का माह है. 

इस बार पड़ रहे हैं पांच सोमवार
इस बार का सावन इसलिए भी विशेष है, क्योंकि इस बार पांच सोमवार पड़ रहे हैं. इसके साथ ही शुभ संयोग है कि सोमवार से ही शुरू होकर सावन मास सोमवार को ही समाप्त हो रहा है. सोमवार, चंद्र देव का विशेष दिन है जिन्हें महादेव ने ही दक्ष के क्षय शाप से अभय दान दिया था.

चंद्रदेव के ही आग्रह पर सोमवार को शिव आराधना का विशेष फल मिलता है. 

इस बार ऐसे करें घर पर ही पूजन
सावन मास में हरिद्वार, प्रयाग(संगम स्थल) या आस-पास जहां गंगा धारा हों, वहां से जलकर लाकर अभिषेक करने की परंपरा मान्यता है. इस बार कोरोना संकट के कारण यह अनुष्ठान बहुधा संपन्न नहीं हो सकेगा.

इसके लिए ऐसा कर सकते हैं कि कि पास के किसी जलाशय से जल लाकर अथवा किसी भी शुद्ध स्त्रोत से जलभर कर उसमें गंगाजल मिलाएं और सभी स्त्रोतों का जल गंगा जल है, ऐसा संकल्प करें. श्रद्धाभाव से बेल पत्रों के साथ घर में या मंदिर में भगवान रुद्र को अर्पित करें.

उन्हें चंदन का लेप लगाएं और पंचाक्षरी ओम् नमः शिवाय मंत्र का जाप करें. 

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