नई दिल्लीः Ram Mandir pran pratishtha News: पूरा देश 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले भव्य राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारियों में जुटा हुआ है. राम भक्तों को करीब-करीब 500 सालों के इंतज़ार के बाद राम मंदिर मिलने जा रहा है. ऐसे में देश के चप्पे-चप्पे में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर खुशी की लहर है. हालांकि, रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जाने से शंकराचार्यों ने मना कर दिया है.
'शास्त्रों के हिसाब से नहीं हो रहा उद्घाटन समारोह'
उनका कहना है कि राम मंदिर का उद्घाटन शास्त्रों के हिसाब से नहीं हो रहा है, इसलिए हम वहां नहीं जाएंगे. शंकराचार्यों के राम मंदिर उद्घाटन समारोह में न जाने का मुद्दा तुल पकड़ता दिखाई दे रहा है. कांग्रेस समेत देश की सभी राजनीतिक पार्टियां शंकराचार्यों के इस बयान को अपना हथियार बनाकर बीजेपी पर हमलावर हो गई हैं. इसी बीच पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद का एक और बयान सामने आया है.
'प्राण प्रतिष्ठा में नहीं जाने का फैसला अंहकार से जुड़ा नहीं'
इसमें फिर उन्होंने वही बात कही है कि आखिर उन्होंने राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में नहीं जाने का फैसला क्यों किया है. शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद का कहना है कि शंकराचार्यों की एक गरिमा होती है और प्राण प्रतिष्ठा में उनके न जाने का फैसला उनके अहंकार से जुड़ा फैसला नहीं है, बल्कि यह परंपरा की बात है. परंपरा से उलट काम होने की वजह से वे इस उद्घाटन समारोह का हिस्सा नहीं बन रहे हैं.