नई दिल्लीः भारत का पहला राज्य कौन सा है? पूरब से लेकर पश्चिम तक और उत्तर से लेकर दक्षिण तक फैले भारत में 28 राज्य और 8 संघ राज्य क्षेत्र हैं, जिन्हें केंद्र शासित प्रदेश भी कहा जाता है. हर राज्य की अपनी भाषा, संस्कृति, खान-पान, रहन-सहन है. विविधता में एकता के सूत्रवाक्य के साथ भारत समृद्ध संस्कृति के इतिहास को संजोए हुए है. यहां नियमित दूरी पर बोली से लेकर वेशभूषाएं तक बदलती हैं. इतनी विविधता वाले भारत के नक्शे को देखकर ये अंदाजा लगाना मुश्किल होगा कि पहला राज्य कौन सा है?
भाषा के आधार पर राज्यों को बनाने की मांग
साल 1947 में आजादी के समय देश में 500 से ज्यादा रियासतें थीं. इन्हें अस्थायी तौर पर 4 हिस्सों में बांटा गया था. इन्हें A, B, C और D नाम दिया गया था. वहीं भारत में राज्यों के गठन के लिए 1953 में राज्य पुनर्गठन आयोग की स्थापना की गई थी. इसमें फजल अली, केएम पानीकर और एच एन कुंजरू थे. देश में भाषायी आधार पर राज्यों के गठन की मांग चल रही थी. इस मांग को उठाने वालों का तर्क था कि एक ही भाषा बोलने वाले लोग एक ही जगह पर रह सकें. इससे प्रशासन चलाने में भी आसानी होगी और बेहतरी आएगी.
राज्य पुनर्गठन आयोग ने की थी ये सिफारिश
इसके बाद राज्य पुनर्गठन आयोग ने 1956 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. इसमें 16 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेश बनाने की सिफारिश की गई थी. हालांकि केंद्र सरकार ने 16 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेश बनाए. आयोग ने साफ किया था कि किसी भी भाषा या संस्कृति के एकल परीक्षण के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन करना संभव नहीं है और नहीं यह वांछनीय है. हालांकि इस पूरे मामले के लिए राष्ट्रीय एकता के हित में एक संतुलित दृष्टिकोण जरूरी है.
हालांकि बाद में राज्यों के गठन में भाषायी आधार को भी जोड़ा गया ताकि स्थानीय स्तर पर बेहतर शासन करने के लिए उन लोकल भाषाओं का विकास किया जा सके. क्योंकि इन चीजों को ब्रिटिश शासन ने नजरअंदाज किया था.
इसके बाद 1 नवंबर 1956 को भारत के पहले राज्य आंध्र प्रदेश का गठन किया गया. यह भाषा के आधार पर बनाया गया पहला राज्य था.
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