कोलकाता. पश्चिम बंगाल में आठ जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव में करीब 74,000 सीटों के लिए कुल 2,36,464 नामांकन पत्र दाखिल किये गये हैं. राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. शुक्रवार शाम तक तैयार रिपोर्ट के अनुसार तृणमूल कांग्रेस की ओर से 85,817 नामांकन पत्र दाखिल किये गये हैं, वहीं भाजपा 56,321 उम्मीदवारों के साथ दूसरे स्थान पर है. माकपा की ओर से 48,646 उम्मीदवारों ने और कांग्रेस की ओर से 17,750 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है.
ममता बोलीं- शांतिपूर्ण रही है प्रक्रिया
वहीं राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में पंचायत चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया के शांतिपूर्ण होने का जिक्र करते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि विपक्षी दल नामांकन के दौरान हुईं ‘इक्का-दुक्का’ घटनाओं को आधार बनाकर इसे मुद्दा बनाने का प्रयास कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने शुक्रवार को दक्षिण 24 परगना जिले में भंगोर का दौरा करने के बाद कहा कि राज्य में राजनीतिक हिंसा हर हाल में खत्म होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वह पहले ही मौजूदा स्थिति पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ चर्चा कर चुके हैं.
राज्यपाल की टिप्पणी के बाद दी प्रतिक्रिया
राज्यपाल की टिप्पणी के बाद तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की यह प्रतिक्रिया आई है. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘बंगाल के अलावा कोई दूसरा ऐसा राज्य नहीं है, जहां पंचायत चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया इतनी शांतिपूर्ण रहती है. नामांकन प्रक्रिया के दौरान हुईं एक-दो घटनाओं को लेकर विपक्षी दल - माकपा, कांग्रेस, भाजपा और आईएसएफ हम पर आरोप मढ़ने का प्रयास कर रहे हैं.’
टीएमसी के अभियान को संबोधित कर रही थीं ममता
वह पार्टी के दो महीने लंबे अभियान ‘तृणमूल एह नबोजोवार’ (तृणमूल में नयी लहर) के समापन सत्र को संबोधित कर रही थीं. बनर्जी ने उन दावों को खारिज कर दिया कि विपक्षी उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने से रोका गया. उन्होंने कहा कि विपक्षी उम्मीदवारों द्वारा आठ जुलाई के चुनावों के लिए डेढ़ लाख से अधिक नामांकन पत्र दाखिल किए गए हैं.
बीजेपी-कांग्रेस-लेफ्ट पर लगाए हाथ मिलाने के आरोप
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘क्या आपने कभी सुना है कि किसी अन्य राज्य में पंचायत चुनावों के लिए 2.31 लाख नामांकन दाखिल किए गए हों? अकेले विपक्षी दलों ने डेढ़ लाख से ज्यादा पर्चे दाखिल किए हैं, फिर भी आप दावा कर रहे हैं कि वे नामांकन दाखिल नहीं कर पाए. क्या यह विरोधाभासी नहीं है?’ उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ दिनों में, मैंने देखा है कि कैसे मेरे और मेरे तृणमूल परिवार के खिलाफ राजनीति की जा रही है. यह बाम (वाम) - राम (भाजपा)- श्याम (कांग्रेस) हाथ मिला चुके हैं और हमें हराने पर तुले हुए हैं.’
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