लोकसभा चुनाव में BJP का समर्थन करने वाले अपने विधायकों के खिलाफ कोर्ट जाएगी कांग्रेस, जानें पूरा मामला

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को अपनी ही पार्टी के विधायकों से कथित रूप से झटका मिला. कहा जा रहा है कि असम में पार्टी के पांच विधायकों ने बीजेपी और एआईयूडीएफ के उम्मीदवारों का खुलकर समर्थन किया. अब पार्टी इन विधायकों के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रही है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 13, 2024, 12:11 PM IST
  • करीमगंज में बीजेपी को मिली जीत
  • कांग्रेस को इन विधायकों से है शिकायत
लोकसभा चुनाव में BJP का समर्थन करने वाले अपने विधायकों के खिलाफ कोर्ट जाएगी कांग्रेस, जानें पूरा मामला

नई दिल्लीः हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया. पार्टी पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले अपनी सीटों का आंकड़ा दोगुना करने में सफल रही. हालांकि पार्टी का प्रदर्शन जहां-जहां ठीक नहीं रहा वहां मंथन चल रहा है. इस बीच पार्टी अपने कुछ विधायकों के खिलाफ कोर्ट जाने का मन बना रही है क्योंकि लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने बीजेपी का समर्थन किया था.

दरअसल असम में कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने कहा कि चुनावों में बीजेपी या अन्य दलों के उम्मीदवारों का खुलकर समर्थन करने वाले कांग्रेस के 5 विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए पार्टी कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी.

करीमगंज में बीजेपी को मिली जीत

मुस्लिम बाहुल्य करीमगंज लोकसभा सीट पर बीजेपी को जीत मिली है. इसे लेकर कई लोगों का मानना ​​है कि कांग्रेस के दो विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ और सिफदेक अहमद ने यहां से बीजेपी के लिए प्रचार किया. इसके चलते भाजपा ने यहां आश्चर्यजनक प्रदर्शन किया. तीन बार विधायक रह चुके पुरकायस्थ को पिछले कुछ वर्षों में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के आलोचक के रूप में देखा जाता था. लेकिन इस साल फरवरी में उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दिए बगैर बीजेपी सरकार के समर्थन की घोषणा की थी.

मुस्लिम वोटों को बीजेपी की तरफ खींचा

चुनाव पर नजर रखने वालों के अनुसार, कमलाख्या डे पुरकायस्थ मुस्लिम वोटों के एक वर्ग को बीजेपी के पक्ष में आकर्षित कर सकते हैं. सिफदेक अहमद दूसरे कांग्रेस विधायक हैं, जिन्होंने लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए काम किया. तरुण गोगोई के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री रह चुके अहमद को कांग्रेस में एक प्रमुख मुस्लिम चेहरे के रूप में देखा जाता था.

कांग्रेस को इन विधायकों से है शिकायत

पुरकायस्थ और अहमद दोनों की भूमिकाओं के कारण कांग्रेस को इस बार करीमगंज लोकसभा सीट गंवानी पड़ी. इस सीट को विपक्ष के लिए अनुकूल माना जाता था. दो अन्य विधायक शाहिलता दास और बसंत दास ने भी अपने निर्वाचन क्षेत्रों में बीजेपी उम्मीदवारों का समर्थन किया, जबकि कांग्रेस से निलंबित शेरमन अली अहमद ने एआईयूडीएफ की ओर से काम किया.

स्पीकर के फैसले का इंतजार कर रही कांग्रेस

कांग्रेस की राज्य इकाई ने पहले ही असम विधानसभा अध्यक्ष से इन पांचों विधायकों को अयोग्य घोषित करने की अपील की है. असम कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने आईएएनएस से कहा, 'हम विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं. अगर वह इनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने से इनकार करते हैं तो हम अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.'

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