आडवाणी को भारत रत्न मिलने पर कांग्रेस ने दी प्रतिक्रिया, कहा- '10 वर्षों में नहीं मिला वास्तविक सम्मान...'

शनिवार 3 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए जानकारी दी कि भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न दिया जाएगा. इस पर कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं के बयान सामने आए हैं. 

Written by - Pramit Singh | Last Updated : Feb 3, 2024, 02:42 PM IST
  • '10 वर्षों में नहीं मिला वास्तविक सम्मान'
  • देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है भारत रत्न
आडवाणी को भारत रत्न मिलने पर कांग्रेस ने दी प्रतिक्रिया, कहा- '10 वर्षों में नहीं मिला वास्तविक सम्मान...'

नई दिल्लीः शनिवार 3 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए जानकारी दी कि भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न दिया जाएगा. इस पर कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं के बयान सामने आए हैं. महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा ने कहा कि उन्होंने तो सुना था कि मोहन भागवत को भारत रत्न दे रहे हैं. अलका लांबा ने लाल कृष्ण आडवाणी को शुभकामनाएं दी और कहा कि मोहन भागवत को भी भारत रत्न दिया जाएगा. 

'10 वर्षों में नहीं मिला वास्तविक सम्मान'
वहीं, संदीप दीक्षित ने भी शुभकामनाएं दी और कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी हर एक काम राजनीतिक फायदे के लिए करते हैं. वहीं, कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि लाल कृष्ण आडवाणी को सरकारी सम्मान दिया है, लेकिन दस सालों में वास्तविक सम्मान नहीं दिया गया. पीएम मोदी उन्हें मंचों पर नजरअंदाज करते रहे. उन्हें राष्ट्रपति भी नहीं बनाया गया. 

देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है भारत रत्न
बता दें कि भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है. इसकी शुरुआत 1954 से हुई थी. तब से लेकर अभी तक कुल 49 लोगों को यह सम्मान मिल चुका है. लाल कृष्ण आडवाणी इस साल भारत रत्न पाने वाले देश के दूसरे नागरिक होंगे. उनसे पहले हाल ही में यह पुरस्कार बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को 26 जनवरी को दिया गया. लाल कृष्ण आडवाणी भारत रत्न पाने वाले देश के 50वें नागरिक होंगे. 

डॉ. राजेंद्र प्रसाद के कार्यकाल में हुई थी शुरुआत 
देश में किसे भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा, इसका प्रस्ताव प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को सौंपते हैं. प्रतिवर्ष अधिकत्तम तीन लोगों को यह पुरस्कार देने का प्रावधान है. देश में भारत रत्न की शुरुआत डॉ. राजेंद्र प्रसाद के कार्यकाल के दौरान हुई थी. शुरुआत के तीन सम्मान भारत के पहले गवर्नर-जनरल और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री सी राजगोपालाचारी, भारत के दूसरे राष्ट्रपति और पहले उपराष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन को. वहीं, तीसरा पुरस्कार भौतिक वैज्ञानिक सीवी रमन को 1954 में दिया गया था. 

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