Tamilnadu Lok sabha Election: दक्षिण में बीजेपी के सहारे हैं पनीरसेल्वम, पहचान बचाने की है चुनौती

तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पनीसेल्वम के लिए यह लोकसभा चुनाव राज्य में अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए अहम है और इस नाजुक राजनीतिक स्थिति से निकलने के लिए वह काफी हद तक भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निर्भर हैं. अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) से 2022 में निष्कासित कर दिए गए पनीरसेल्वम राज्य की रामनाथपुरम लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं और भाजपा उन्हें समर्थन दे रही है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 24, 2024, 12:19 PM IST
  • चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करना होगा
  • चार दल कमल के निशान पर लड़ेंगे
Tamilnadu Lok sabha Election: दक्षिण में बीजेपी के सहारे हैं पनीरसेल्वम, पहचान बचाने की है चुनौती

नई दिल्लीः तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पनीसेल्वम के लिए यह लोकसभा चुनाव राज्य में अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए अहम है और इस नाजुक राजनीतिक स्थिति से निकलने के लिए वह काफी हद तक भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निर्भर हैं. अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) से 2022 में निष्कासित कर दिए गए पनीरसेल्वम राज्य की रामनाथपुरम लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं और भाजपा उन्हें समर्थन दे रही है. 

चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करना होगा

वह ऐसी स्थिति का सामना कर रहे हैं जिसमें उन्हें राज्य में अपनी पहचान बनाए रखने के लिए चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करना होगा, अन्यथा वह राज्य की राजनीति में अप्रासंगिक हो जाएंगे. वहीं, थेनी लोकसभा सीट से द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) उम्मीदवार टी. तमिलसेल्वन ने पनीरसेल्वम को अपनी ताकत दिखाने के लिए थेनी से चुनाव लड़ने की चुनौती दी है. पनीरसेल्वम फिलहाल थेनी जिले की बोडिनायक्कनूर सीट से विधायक हैं. 

उन्होंने 'अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगा कैडर्स राइट रिट्रीवल ऑर्गनाइजेशन' का गठन किया है. अन्नाद्रमुक के प्रमुख ई.के. पलानीस्वामी के साथ सत्ता संघर्ष के चलते पनीरसेल्वम और उनके समर्थकों को जुलाई 2022 में पार्टी की आम परिषद ने पार्टी से निष्कासित कर दिया था और अदालतों ने इस फैसले को सही ठहराया है. 

4 दल कमल के निशान पर लड़ेंगे

हाल में मद्रास उच्च न्यायालय ने उन्हें पार्टी के ‘दो पत्ती’ चुनाव चिह्न, आधिकारिक झंडे और लेटरहेड का इस्तेमाल करने से रोक दिया. पनीरसेल्वम को भाजपा ने एक सीट दी है जबकि न्यू जस्टिस पार्टी, इंधिया जननायगा काची, इंधिया मक्कल कालवी मुनेत्र कषगम और तमिल मक्कल मुनेत्र कषगम जैसे दलों को भी एक ही सीट दी गई है. इनमें से चार दल 19 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा के ‘कमल’ के चिह्न पर चुनाव लड़ेंगे. 

अन्नाद्रमुक से निष्कासित नेता की भाजपा के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत के दौरान सिर्फ एक सीट हासिल करने पर आलोचना हो रही है जबकि भाजपा ने टी टी वी दिनाकरन के नेतृत्व वाली अम्मा मक्कल मुनेत्र कषगम और जी के वासन की तमिल मनीला कांग्रेस को क्रमशः दो और तीन सीट दी हैं. 

'अपनी दुर्दशा के लिए पन्नीरसेल्वम खुद ही जिम्मेदार'

रामनाथपुरम सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने के पनीरसेल्वम के फैसले के बारे में पूछे जाने पर अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता और मदुरै के तिरुप्पारनकुंद्रम से विधायक वी वी राजन चेलप्पा ने कहा, 'पन्नीरसेल्वम एक अच्छे नेता हैं लेकिन अपनी दुर्दशा के लिए वह खुद ही जिम्मेदार हैं. उसके गलत कार्य ही उनके दुख का कारण हैं.' 

उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक उम्मीदवार पी जयपेरुमल की जीत की काफी संभावना है. सत्तारूढ़ द्रमुक ने यह सीट अपने सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) को आवंटित की है, जिसने अपने मौजूदा सांसद के. नवास कानी को फिर से मैदान में उतारा है. भाजपा भी यहां सक्रिय है, लेकिन जाति समीकरण द्रमुक गठबंधन के पक्ष में झुक सकता है. 

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