नई दिल्ली: Punjab Lok Sabha Election: पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर भाजपा ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने एक्स पर ट्वीट करके इसकी जानकारी दी. पहले ऐसी अटकलें थीं पंजाब में भाजपा का शिरोमणि अकाली दल से गठबंधन होगा. लेकिन अब सुनील जाखड़ की घोषणा के बाद इन अटकलों पर विराम लग गया है.
क्या बोले सुनील जाखड़
सुनील जाखड़ ने कहा कि भाजपा पंजाब में अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ेगी. आम वोटर और पार्टी कार्यकर्ताओं से मिले फीडबैक आधार पर यह फैसला लिया गया है. पीएम मोदी के एतिहासिक काम किसी से छिपे नहीं हैं. पिछले 10 वर्षों में किसानों की उपज MSP पर खरीदी गई है.
BJP to contest the Lok Sabha elections alone in Punjab.
ਭਾਰਤੀ ਜਨਤਾ ਪਾਰਟੀ ਲੋਕ ਸਭਾ ਚੋਣਾਂ ਪੰਜਾਬ ਵਿਚ ਇੱਕਲੇ ਲੜਨ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ। pic.twitter.com/FbzfaePNj3
— Sunil Jakhar(Modi Ka Parivar) (@sunilkjakhar) March 26, 2024
गठबंधन न होने की क्या वजह?
शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के बीच गठबंधन न होने की 3 प्रमुख वजह मानी जा रही हैं.
1. दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनी. भाजपा पीएम मोदी की लोकप्रियता को आधार मानते हुए अधिक सीटें मांग रही थी. लेकिन अकाली दल इसके लिए राजी नहीं हुआ.
2. शिरोमणि अकाली दल भाजपा से गठबंधन करने को लेकर खास उत्साहित नहीं था. अकाली दल के नेताओं का मानना है कि किसान आंदोलन के कारण प्रदेश में भाजपा के खिलाफ माहौल है.
3. पंजाब भाजपा के नेता भी यही चाहते हैं कि भाजपा अकेले लड़े, ताकि उनका कद बना रहे. यदि दोबारा केंद्र में सरकार बनती है तो पार्टी उन्हें ही तरजीह देगी, न कि गठबंधन के साथियों को.
2020 में टूटा गठबंधन
गौरतलब है कि अकाली दल के साथ भाजपा का गठबंधन 1997 में हुआ था. 1999 के लोकसभा और 2002 के विधानसभा चुनावों में गठबंधन का प्रदर्शन खराब रहा, फिर भी समझौता जारी रहा. लेकिन साल 2020 में किसान आंदोलन होने पर तीन कृषि कानूनों की खिलाफत करते हुए अकाली दल ने भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया था.
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