नई दिल्ली. राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जंयत चौधरी ने सोमवार को आधिकारिक रूप से ऐलान कर दिया कि उनकी पार्टी अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी NDA के साथ है. जयंत के इस बयान को लोकसभा चुनाव के पहले इंडिया ब्लॉक के लिए बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है. दरअसल बीते कई दिनों से यह चर्चा चल रही थी कि रालोद का गठबंधन एनडीए के साथ हो सकता है. जयंत सिंह की तरफ से भी संकेत दिए जा रहे थे लेकिन कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया था. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने के बाद जयंत का सोशल मीडिया पर 'दिल जीत लिया' लिखना भी संकेत के रूप में देखा जा रहा था.
पश्चिमी यूपी में एनडीए को बढ़त
जयंत सिंह ने कहा- 'यह निर्णय सभी विधायकों से बातचीत के बाद लिया है. कार्यकर्ताओं से बातचीत की है. इसके बाद फैसला किया गया है. परिस्थितियों के कारण बहुत कम समय में ये फैसला लेना पड़ा.' इस आधिकारिक ऐलान के साथ ही इसे एनडीए के लिए पश्चिमी यूपी के इलाके में बढ़त के रूप में देखा जा रहा है. इंडिया गठबंधन में रहते हुए समाजवादी पार्टी की तरफ से रालोद को सात सीटों का ऑफर दिया गया था. एनडीए के साथ उनकी बातचीत कितनी सीटों पर हुई है, इसे लेकर अब तक कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में चार तो कहीं तीन सीटों का जिक्र किया गया है. लेकिन रालोद ने कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है.
#WATCH |Delhi: On joining NDA, RLD chief Jayant Chaudhary says, "...I took this decision after speaking to all the MLAs and workers of my party. There was no big planning behind this decision, we had to take this decision within a short time because of the situation. We want to… pic.twitter.com/oCokYUX8gA
— ANI (@ANI) February 12, 2024
'एनडीए से जुड़ने के पहले सलाह लेनी चाहिए थी'
इससे पहले भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने रविवार को कहा कि यह फैसला लेने से पहले रालोद प्रमुख जयंत चौधरी को उन लोगों से चर्चा कर लेनी चाहिए थी जो तीन पीढ़ियों से उनसे जुड़े हैं. टिकैत ने कहा-राजनीति में दुश्मन कब दोस्त बन जाए, पता नहीं चलता. जयंत चौधरी की अपनी सोच है लेकिन उन्हें कम से कम उन लोगों से सलाह लेनी चाहिए थी जो तीन पीढ़ियों से उनके साथ हैं.
टिकैत ने कहा-पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह किसानों के मसीहा थे और वह भारत रत्न के हकदार थे. उन्हें (चरण सिंह) यह सम्मान पहले ही मिलना चाहिए था. सरकार को अब किसानों की ज्वलंत समस्याओं का भी समाधान करना चाहिए.
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