BJP को दिल्ली में क्यों बदलने पड़े 7 में से 6 चेहरे, आखिर क्या रही मजबूरी?

Delhi BJP: भाजपा ने दिल्ली में 7 में से 6 सांसदों के टिकट काट दिए हैं. केवल मनोज तिवारी को रिपीट किया गया है. आइए, समझते हैं कि भाजपा ने राजधानी में अपने सांसदों से किनारा क्यों  किया?

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Mar 14, 2024, 10:13 AM IST
  • मनोज तिवारी रिपीट हुए
  • 6 सांसदों के कटे टिकट
BJP को दिल्ली में क्यों बदलने पड़े 7 में से 6 चेहरे, आखिर क्या रही मजबूरी?

नई दिल्ली: Delhi BJP: भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए अब तक 267 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है. पार्टी ने 63 सांसदों के टिकट काटे हैं. सबसे अधिक दिल्ली में टिकट काटे गए हैं. केवल एक सांसद मनोज तिवारी को रिपीट किया गया है.बीते दो चुनाव से दिल्ली भाजपा का किला बना हुआ है. पार्टी यहां शत-प्रतिशत सीटें जीत रही है. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां 7 में से 7 सीटें जीतीं. फिर ऐसी क्या मजबूरी आ गई कि भाजपा ने इतने बड़े स्तर पर टिकट काटे हैं? 

सबसे बड़ा कारण
दिल्ली में हुए निगम चुनाव में भाजपा हार गई थी. MCD में BJP का 15 साल से दबदबा था. लेकिन साल 2022 में हुए नगर निगम चुनाव में AAP ने BJP को बूरी तरह हराया. 7 में से 5 सांसदों की सीटों पर भाजपा MCD चुनाव हार गए. केवल मनोज तिवारी और गौतम गंभीर के लोकसभा क्षेत्र में पार्टी का परफॉर्मेंस ठीक रहा. 

एक्टिव नहीं रहे सांसद
दिल्ली के सांसदों पर सबसे बड़ा आरोप ये लगा कि वे अपने लोकसभा क्षेत्र में एक्टिव नहीं रहे. हंसराज हंस और गौतम गंभीर पर कोरोना काल के दौरान भी सवाल उठे. कहा गया कि लोकसभा क्षेत्र में जब सांसदों की जरूरत थी, तब ये मौजूद नहीं थे.
 
विपक्ष की भूमिका में कमजोर
दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार है. लेकिन दिल्ली में भाजपा विपक्ष के तौर पर नदारद रही है. मनोज तिवारी के अलावा किसी अन्य सांसद को सड़क पर दिल्ली की आप सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते नहीं देखा गया. 

बयानबाजी पड़ी भारी
प्रवेश वर्मा और रमेश बिधूड़ी का टिकट काटने के पीछे की एक वजह ये भी है को दोनों ने विवादित बयान दिए हैं. बिधूड़ी ने तो संसद में सांसद दानिश अली के लिए विवादित शब्दों का इस्तेमाल किया था. प्रवेश वर्मा भी हार्डकोर मुद्दों पर बयानबाजी करते रहे हैं. इस बार पार्टी ने बयानवीरों से किनारा किया है. 

कार्यकर्ताओं में असंतुष्टि
दिल्ली में भाजपा के कार्यकर्ता अपने सांसदों की परफॉर्मेंस से संतुष्ट नहीं थे. इनका कहना था कि न तो सांसद क्षेत्र में रहते हैं और न ही हमारे काम करवाते हैं. कई कार्यकर्ताओं की शिकायत ऊपर तक पहुंची इसके बाद ही सांसदों के टिकट काटे गए. 

AAP-कांग्रेस गठबंधन
इस बार दिल्ली में AAP और कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन किया है. 4 सीटों पर AAP लड़ेगी, 3 सीटों पर कांग्रेस लड़ेगी. ऐसे में भाजपा कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती. पार्टी नहीं चाहती थी कहीं भी कमजोरी रहे. 400 पार के लक्ष्य के लिए पार्टी ने बिना किसी किंतु-परंतु के टिकट काट दिए.
 
किस सीट पर किसका टिकट काटकर किसको दिया?
नई दिल्ली- मीनाक्षी लेखी का टिकट काटकर बांसुरी स्वराज को दिया
दक्षिणी दिल्ली- रमेश बिधूड़ी का टिकट काटकर रामवीर सिंह बिधूड़ी को दिया
पश्चिमी दिल्ली- प्रवेश वर्मा का टिकट काटकर कमजीत सेहरावत को दिया
पूर्वी दिल्ली- गौतम गंभीर का टिकट काटकर हर्ष मल्होत्रा को दिया
उत्तर पश्चिमी दिल्ली- हंसराज हंस का टिकट काटकर योगेंद्र चांदोलिया को दिया
चांदनी चौक- हर्षवर्धन सिंह का टिकट काटकर प्रवीन खंडेलवाल को दिया
उत्तर पूर्वी दिल्ली- मनोज तिवारी (टिकट नहीं बदला)

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