Israel-Palestine: इजराइल के दुश्मन फिलिस्तीन के लिए क्या है भारत का रुख? जयशंकर का जवाब चौंका देगा
Advertisement
trendingNow12545230

Israel-Palestine: इजराइल के दुश्मन फिलिस्तीन के लिए क्या है भारत का रुख? जयशंकर का जवाब चौंका देगा

Israel-Palestine Conflict: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में एक अहम बयान देते हुए कहा कि भारत फिलिस्तीन मुद्दे पर लंबे समय से दो-राज्य समाधान का समर्थन करता आया है.

Israel-Palestine: इजराइल के दुश्मन फिलिस्तीन के लिए क्या है भारत का रुख? जयशंकर का जवाब चौंका देगा

Israel-Palestine Conflict: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में एक अहम बयान देते हुए कहा कि भारत फिलिस्तीन मुद्दे पर लंबे समय से दो-राज्य समाधान का समर्थन करता आया है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत एक "संप्रभु, स्वतंत्र और टिकाऊ फिलिस्तीनी राज्य" के निर्माण के पक्ष में है, जो इजराइल के साथ शांति से रह सके.

संयुक्त राष्ट्र में भारत का मतदान

राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र में गाजा से जुड़े सभी प्रस्तावों पर मतदान से परहेज नहीं किया है. उन्होंने बताया कि 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुए इजराइल-हमास संघर्ष के बाद से अब तक संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीन से जुड़े 13 प्रस्ताव पेश किए गए. इन 13 प्रस्तावों में से भारत ने 10 के पक्ष में मतदान किया, जबकि 3 प्रस्तावों पर मतदान से परहेज किया.

फिलिस्तीन को मानवीय सहायता

चालू संकट के दौरान भारत ने फिलिस्तीन को महत्वपूर्ण मानवीय सहायता प्रदान की है. संघर्ष शुरू होने के बाद भारत ने लगभग 70 मीट्रिक टन सहायता सामग्री भेजी. जिसमें 16.5 मीट्रिक टन दवाएं और चिकित्सा आपूर्ति शामिल थीं. इसके अतिरिक्त 2024 में फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (UNRWA) को 5 मिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता दी गई.

अक्टूबर-नवंबर 2024 की मदद

अक्टूबर और नवंबर 2024 में भारत ने UNRWA और फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय को 65 टन चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति की. इन प्रयासों ने भारत की मानवीय प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत ने क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए व्यापक कूटनीतिक प्रयास किए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इजराइल और फिलिस्तीन के नेताओं के साथ उच्च-स्तरीय चर्चाएं की हैं.

अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का रुख

22 सितंबर को न्यूयॉर्क में 'समिट ऑफ द फ्यूचर' के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात की. इस बैठक में उन्होंने संघर्षविराम, बंधकों की रिहाई और राजनयिक वार्ता की बहाली का आह्वान किया. भारत ने संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स, गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) और ग्लोबल साउथ जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है. भारत का उद्देश्य है कि सभी पक्ष बातचीत के माध्यम से स्थायी समाधान की ओर बढ़ें.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

Trending news