Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग के बीच यूक्रेन ने कुर्स्क क्षेत्र में रूस के लिए लड़ते हुए पकड़े गए 2 उत्तर कोरियाई सैनिकों का वीडियो जारी किया है. साथ ही इसे यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध में उत्तर कोरिया की भागीदारी का निर्विवाद सबूत बताया है.
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Ukraine Russia War: युद्ध के लिए भेजे जा रहे सैनिक चाकचौबंद तैयारी के साथ मैदान में उतरते हैं. उन्हें इससे पहले विशेष ट्रेनिंग दी जाती है. लेकिन उत्तर कोरियाई सैनिकों के साथ अजीब स्थिति हो गई है. इन सैनिकों को लग रहा था कि उन्हें रूस में युद्ध की ट्रेनिंग के लिए भेजा जा रहा है, जबकि रूस ने उन्हें सीधे ही यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में उतार दिया गया. अब ऐसे 2 सैनिक यूक्रेन की गिरफ्त में हैं और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की इसके जरिए रूस-यूक्रेन युद्ध में उत्तर कोरिया की भागीदार का जीता-जागता सुबूत बता रहे हैं.
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घायल हैं दोनों उत्तर कोरियाई सैनिक
यूक्रेन की खुफिया एजेंसी ने शनिवार को घोषणा की कि उन्होंने 2 घायल उत्तर कोरियाई सैनिकों को हिरासत में लिया है. इन सैनिकों को चिकित्सा उपचार और पूछताछ के लिए कीव ले जाया गया है. यूक्रेनी सुरक्षा सेवा (एसबीयू) ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें दोनों बंदियों को दिखाया गया है. एसबीयू के अनुसार, एक सैनिक को 9 जनवरी को यूक्रेनी विशेष बलों ने पकड़ लिया था, जबकि दूसरे को पैराट्रूपर्स ने हिरासत में लिया था. एसबीयू के एक प्रवक्ता ने कहा, "उन्हें अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप परिस्थितियों में रखा जा रहा है."
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सैनिकों से बातचीत में मदद कर रही दक्षिण कोरियाई एजेंसी
इन उत्तर कोरियाई सैनिकों से संवाद करने में दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय खुफिया सेवा (एनआईएस) यूक्रेनी अधिकारियों की सहायता कर रही है. एसबीयू ने कहा है कि चूंकि उत्तर कोरियाई सैनिक अंग्रेजी, यूक्रेनी या रूसी नहीं बोलते हैं. ऐसे में दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय खुफिया सेवा (एनआईएस) यूक्रेनी अधिकारियों के साथ संवाद करने में सहायता कर रही है.
यूक्रेन द्वारा जारी किए गए वीडियो में 2 लोगों को एक कोठरी में चारपाई पर लेटे हुए दिखाया गया है. एक के जबड़े में चोट लगी है, जबकि दूसरे के पैर में फ्रैक्चर बताया जा रहा है. इनमें से एक सैनिक 1999 में पैदा हुआ और साल 2016 से स्नाइपर-टोही अधिकारी के रूप में सेवा कर रहा है. उसके जबड़े में चोट होने के कारण उसे अपनी गवाही लिखकर देनी पड़ी.
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महज हफ्ते भर की ट्रेनिंग और उतार दिया युद्ध में
उत्तर कोरियाई सैनिकों ने खुलासा किया कि तैनाती से पहले उन्हें रूसी सेना के साथ केवल एक सप्ताह का प्रशिक्षण मिला था. सुरक्षा सेवा ने यह भी कहा कि उनमें से एक व्यक्ति के पास तुवा नाम से रूसी व्यक्ति के नाम का रूसी सैन्य आईडी कार्ड मिला है. इस सैनिक ने दावा किया कि कुछ उत्तर कोरियाई इकाइयों ने तैनाती से पहले रूसी बलों के साथ केवल एक सप्ताह का प्रशिक्षण लिया था.
वहीं दूसरे सैनिक के पास कोई आईडी कार्ड नहीं है. उसने बताया कि उसने उत्तर कोरियाई सेना में काम किया है और उसका लग रहा था कि उसे प्रशिक्षण के लिए रूस भेजा जा रहा है, ना कि युद्ध के लिए.
सुबूत मिटाने अपने ही सैनिकों को मार रहा रूस-उत्तर कोरिया
यूक्रेनी सेना ने पहले कहा था कि उसने कुर्स्क क्षेत्र में मारे गए उत्तर कोरियाई सैनिकों के पास से फर्जी आईडी दस्तावेज बरामद किए हैं. वहीं राष्ट्रपति जेलेंस्की ने X पर एक पोस्ट में कहा है, "यह एक आसान काम नहीं था: रूसी सेना और अन्य उत्तर कोरियाई सैन्यकर्मी आमतौर पर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में उत्तर कोरिया की भागीदारी के किसी भी सबूत को मिटाने के लिए अपने घायल सैनिकों को मार डालते हैं. मैंने यूक्रेन की सुरक्षा सेवा को निर्देश दिया कि वे पत्रकारों को इन कैदियों तक पहुंचाएं. दुनिया को यह जानने की जरूरत है कि क्या हो रहा है."
Our soldiers have captured North Korean military personnel in the Kursk region. Two soldiers, though wounded, survived and were transported to Kyiv, where they are now communicating with the Security Service of Ukraine.
This was not an easy task: Russian forces and other North… pic.twitter.com/5J0hqbarP6
— Volodymyr Zelenskyy / Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) January 11, 2025
बता दें कि रूस ने अधिकारिक तौर पर कभी यह नहीं कहा कि उसकी ओर से उत्तर कोरिया के सैनिक यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में लड़ रहे हैं.