Harsha Richaria: महाकुंभ में सबसे सुंदर साध्वी पर बवाल, हर्षा रिछारिया को लेकर संतों में नाराजगी क्यों?
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Harsha Richaria: महाकुंभ में सबसे सुंदर साध्वी पर बवाल, हर्षा रिछारिया को लेकर संतों में नाराजगी क्यों?

Harsha Richaria Mahakumbh: मॉडल और एंकर रहीं षा रिछारिया महाकुंभ के पहले अमृत स्नान में शामिल होने के बाद से विवादों के केंद्र में हैं. भगवा वस्त्र और रुद्राक्ष धारण कर शाही रथ पर नजर आने वाली हर्षा रिछारिया ने खुद को साध्वी मानने से इनकार कर दिया है.

Harsha Richaria: महाकुंभ में सबसे सुंदर साध्वी पर बवाल, हर्षा रिछारिया को लेकर संतों में नाराजगी क्यों?

Harsha Richaria Mahakumbh: मॉडल और एंकर रहीं षा रिछारिया महाकुंभ के पहले अमृत स्नान में शामिल होने के बाद से विवादों के केंद्र में हैं. भगवा वस्त्र और रुद्राक्ष धारण कर शाही रथ पर नजर आने वाली हर्षा रिछारिया ने खुद को साध्वी मानने से इनकार कर दिया है. इसके बाद संत समाज में नाराजगी और सवालों का दौर शुरू हो गया है.

कौन हैं हर्षा रिछारिया?

हर्षा रिछारिया पहली बार 4 जनवरी को निरंजनी अखाड़े की पेशवाई में नजर आईं. भगवा वस्त्र पहने और रुद्राक्ष की माला के साथ वह शाही रथ पर सवार थीं. सोशल मीडिया पर उन्हें 'सबसे सुंदर साध्वी' कहा गया. लेकिन बाद में उन्होंने यह बयान देकर सबको चौंका दिया कि वह साध्वी नहीं हैं.

हर्षा का बयान..

"मैंने कभी नहीं कहा कि मैं साध्वी हूं. यह सब सोशल मीडिया का बनाया हुआ है."

संतों का आक्रोश.. परंपराओं का उल्लंघन?

हर्षा के इस बयान के बाद संत समाज में नाराजगी बढ़ गई. ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा..

"जो व्यक्ति यह तय नहीं कर पाया है कि उसे संन्यास लेना है या शादी करनी है, उसे शाही रथ पर जगह देना गलत है. भगवा वस्त्र में उसे रथ पर बिठाना धर्म की परंपराओं का उल्लंघन है."

शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने भी इस पर आपत्ति जताते हुए कहा..

"यह धर्म को प्रदर्शन का हिस्सा बनाने जैसा है. इससे समाज में गलत संदेश जाता है. संतों को इससे बचना चाहिए."

हर्षा का अतीत और ट्रोलिंग

हर्षा का अतीत भी विवाद का कारण बन रहा है. वह पहले एक मॉडल, एंकर और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर रही हैं. उनकी पुरानी तस्वीरें और वीडियो, जिनमें वह वेस्टर्न कपड़े पहने या डांस करती नजर आ रही हैं, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.

हर्षा का कहना है..

"लोगों को यह समझना चाहिए कि जीवन में परिवर्तन कभी भी आ सकता है."

सोशल मीडिया पर चर्चा और ट्रोलिंग

सोशल मीडिया पर हर्षा के बयान और उनकी पुरानी तस्वीरों को लेकर बहस छिड़ी हुई है. एक ओर लोग उनके भगवा वस्त्र पहनने और शाही रथ पर सवार होने पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग उनके जीवन में आए बदलाव का समर्थन कर रहे हैं.

महाकुंभ में धर्म और प्रदर्शन का सवाल

संत समाज का कहना है कि धर्म को प्रदर्शन का हिस्सा बनाना खतरनाक है. उनका मानना है कि इस तरह की घटनाएं सनातन धर्म की परंपराओं को कमजोर करती हैं.

स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने कहा

"हर्षा ने यह सब अपने फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए किया. लेकिन इससे सनातन धर्म को नुकसान हुआ है."

क्या कह रही हैं हर्षा?

हर्षा इन विवादों से बेफिक्र नजर आ रही हैं. वह सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं और वीडियो के जरिए मंत्रों और अन्य विषयों पर जानकारी साझा कर रही हैं.

हर्षा का मंत्र..

"गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड को वश में करने का मंत्र भी सिखा रही हूं."

महाकुंभ में विवाद का अंत कब?

महाकुंभ में हर्षा रिछारिया को लेकर विवाद फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. संत समाज इसे धर्म की परंपराओं का उल्लंघन मान रहा है, जबकि हर्षा इसे अपनी व्यक्तिगत पसंद और जीवन का बदलाव बता रही हैं. यह विवाद केवल महाकुंभ तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि धर्म और प्रदर्शन के बीच संतुलन पर एक नई बहस छेड़ेगा.

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