दुर्लभ व्हाइट शार्क की मौत से रिसर्चर्स को बड़ा झटका, कब मिलेगा इन दो सवालों का जवाब
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दुर्लभ व्हाइट शार्क की मौत से रिसर्चर्स को बड़ा झटका, कब मिलेगा इन दो सवालों का जवाब

Science News: ऑस्ट्रेलिया का है जहां 18.4 फीट लंबी मादा शार्क, अगस्त में क्वींसलैंड के टैनम सैंड्स के नजदीक ड्रमलाइन पर मृत पाई गई थी. क्वींसलैंड के कृषि और मत्स्यपालन विभाग के मुताबिक, 1962 में शार्क कंट्रोल प्रोग्राम शुरू होने के बाद से अबतक पकड़ी गई ये सबसे बड़ी सफेद शार्क थी. 

दुर्लभ व्हाइट शार्क की मौत से रिसर्चर्स को बड़ा झटका, कब मिलेगा इन दो सवालों का जवाब

Pregnant Great White Shark Killed in Queensland: इंसानों की जिंदगी बेहतर बनाने के लिए जीवों पर रिसर्च होते रहते हैं. दवा हो या वैक्सीन, चूहों और बंदरों पर परीक्षण होता आया है. रिसर्च का फायदा होने के बावजूद ये स्वीकार्य नहीं किया जा सकता कि शोध के नाम पर किसी प्रेग्नेंट मादा जानवर को मार दिया जाए. इसी तरह सख्त समुद्री कानूनों के होने के बावजूद शार्क और व्हेल जैसी मछलियों को अवैध कारोबार के चलते दुनियाभर में उन्हें असमय मार दिया जाता है. इस भूमिका के बीच एक दुर्लभ व्हाइट शार्क की मौत की खबर ने पशुप्रेमियों के दिलों को झकझोर कर दिया. अब कई पशु प्रेमी और एनजीओ रेयर शार्क की मौत की वजह का पता लगाने और दोषियों पर एक्शन लेने की मांग कर रहे हैं.

दुखद: शार्क के पेट में थे 4 बच्चे

मामला ऑस्ट्रेलिया का है जहां, 18.4 फीट लंबी मादा शार्क, अगस्त में क्वींसलैंड के टैनम सैंड्स के नजदीक ड्रमलाइन पर मृत पाई गई थी. क्वींसलैंड के कृषि और मत्स्यपालन विभाग के मुताबिक, 1962 में शार्क कंट्रोल प्रोग्राम शुरू होने के बाद से अबतक पकड़ी गई ये सबसे बड़ी सफेद शार्क थी.  शार्क के पेट में उसके चार अजन्मे बच्चे थे, जो समंदर के आगोश में मां के गर्भ में तो आ गए लेकिन कभी समंदर के पानी से खेल न सके ना सागर की गहराई को महसूस कर सके. स्तनप्रायी जीवों में सबसे आगे चलने वाली ये मादा व्हाइट शार्क अपने बच्चों को जन्म देने से पहले ही मर गई.

लाइवसाइंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक 19-20 फीट से अधिक लंबी सफेद शार्क देखी जाने यानी मिलने के बावजूद ऐसे रिकॉर्ड्स को अक्सर खारिज कर दिया जाता है. हालांकि इससे पहले इतनी लंबी विशाल शार्क 19.9 फीट की तब दिखी थी, जब उसे मैसाचुसेट्स से पकड़ा गया था.

संरक्षण के प्रयासों को झटका

इस शार्क की मौत को शार्क के संरक्षण के प्रयासों के लिए एक तगड़ा झटका माना जा रहा है. शोधकर्ताओं को इन प्रजातियों के अध्ययन से प्रजनन से जुड़े रहस्यों को समझने के बेहद कम मौके मिलते हैं. शोधार्थियों को जीव विज्ञान (Biology) के लिए रिसर्च पेपर लिखने से पहले शार्क के जीवन चक्र को समझना जरूरी होता है. रिसर्च आगे बढ़ाने के लिए शार्क के अवशेषों का अध्ययन करना जरूरी होता है.

लाइव साइंस को भेजे एक ईमेल में, OCEARCH के चीफ साइंटिस्ट बॉब ह्यूटर ने कहा, 'प्रजनन करने वाली मादा शार्क की मौत से आनुवंशिक विविधता को समझने और उनकी गिनती करने के काम पर बुरा असर पड़ता है. अमूनन हमारा दल, किसी शार्क की मौजूदगी का पता चलते ही आधे घंटे में उन तक पहुंच जाती है. इस बार वो इस मामले में ऐसा करने में असमर्थ थे.

आईयूसीएन की रेड लिस्ट के हिसाब से व्हाइट शार्क संरक्षित प्रजाति में आती है. जिसे अपने जीवनकाल में कई खतरों का सामना करना पड़ता है. इन खतरों में बायकैच और ओवरफिशिंग शामिल हैं. हमारे अनुमान के मुताबिक पूर्वी आस्ट्रेलिया में इनकी संख्या 750 हो सकती है जो प्रजनन करने में सक्षम हैं. समुद्री पारिस्थितिक तंत्र में संतुलन बनाए रखने के लिए इनकी निगरानी जरूरी है.

कब मिलेगा इन दो सवालों का जवाब?

लाइव साइंस के मुताबिक शार्क का साइज देखकर पता चलता है कि इसका जन्म 1990 के दशक के आखिर में हुआ होगा. ये वही समय था जब व्हाइट शार्क को विलुप्तप्राय होने के खतरे की कैटेगिरी में डालकर उसे संरक्षित घोषित किया गया था.

शोधकर्ताओं का कहना है कि शार्क से मिले नमूनों से उसकी आनुवंशिकी समझने में मदद मिल सकती है. जीव विज्ञान की अनसुलझी गुत्थियों को सुलझाने के साथ-साथ पर्यावरण को दूषित करने वाले कारणों के निदान से जुड़ी स्टडी में हमें इसका फायदा मिलेगा. शार्क की मौत को लेकर टीम का कहना है कि ऐसी दुर्लभ शार्क का मिलना भी बड़ा दुर्लभ मौका होता है. अगर वो जीवित रहती तो हम उसके प्रेगनेंसी की अवधि और उसकी प्रजनन आवृत्ति से जुड़े सवालों का जवाब हासिल करने में आसानी होती. क्योंकि दोनों विषय अभी तक शोधकर्ताओं की समझ से परे हैं.

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