Saif Attack Case: सैफ अली खान पर हमले के फौरन बाद पाकिस्तान ने फौरन इसे इंटरनेशनल मुद्दा बनाने की कोशिश की. दरअसल पाकिस्तान ये चाहता था कि दुनिया को ये मैसेज दिया जाए कि भारत में जब मुस्लिम फिल्म स्टार ही महफूज नहीं है तो आम मुसलमान कैसे सुरक्षित रह सकते हैं?
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Pakistan on Saif Ali Khan Atatck: 1947, 1965, 1971 के युद्ध में हार से लेकर कारगिल के प्रॉक्सी वार तक मुंह की खा चुका पाकिस्तान सुधरने को राजी नहीं है. सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर एयर स्ट्राइक तक पाकिस्तान को पिटना ही पड़ता है. तमाम मुसीबतों से जूझ रहे पाकिस्तान की हाल ही में एक बार फिर करारी बेइज्जती हो हुई है. क्योंकि सैफ अली खान पर हमले के तार भले ही बांग्लादेश से जोड़े जा रहे हों. मगर माना यही जा रहा है कि उसकी स्क्रिप्ट पाकिस्तान ने ही लिखी है. क्योंकि पाकिस्तान का ये इतिहास रहा है कि वो भारत के मुसलमानों की आवाज़ बनकर मुद्दे को इंटरनेशनल बनाने की कोशिश करता है. लेकिन हर बार उसे मुंह की खानी पड़ती है.
सैफ पर हमला और फवाद की बेताबी
ऐसा इसलिए क्योंकि सैफ अली खान पर हमले के फौरन बाद पाकिस्तान ने फौरन इसे इंटरनेशनल मुद्दा बनाने की कोशिश की. दरअसल पाकिस्तान ये चाहता था कि दुनिया को ये मैसेज दिया जाए कि भारत में जब मुस्लिम फिल्म स्टार ही महफूज नहीं है तो आम मुसलमान कैसे सुरक्षित रह सकते हैं? इसके लिए पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने सैफ अली खान पर हमला होते ही सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर मैसेज लिखा- सैफ अली खान अस्पताल में हैं. घुसपैठिए ने 6 चाकू मारे. हिंदू महासभा के आने के बाद से मुस्लिम एक्टर्स की जान को गंभीर ख़तरा है. इसलिए पाकिस्तान को भारतीय मुसलमानों के अधिकारियों के लिए आवाज़ उठानी चाहिए.'
हालांकि फवाद चौधरी को पाकिस्तानियों ने ही उन्हें खरी-खोटी सुना दी. कई लोगों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा. पाकिस्तान को पहले अपना घर देखना चाहिए. जहां नमाजियों ने कंटेनर से फेंक दिया जाता है. पाकिस्तान को उम्मीद थी कि सैफ अली खान केस में वो अपना प्रोपेगेंडा सेट करने में कामयाब हो जाएगा. मगर जैसे ही इस मामले में बांग्लादेशी घुसपैठिए कि गिरफ्तारी हुई. पाकिस्तान की वाया बांग्लादेशी साजिश सामने आ गई. दरअसल एक तो हमलावर मुसलमान ही है और दूसरा बांग्लादेश घुसपैठिया.
पाकिस्तान की कोशिश थी कि सैफ पर हमले को मुसलमानों पर टारगेटेड हमले की तरह प्रोजेक्ट किया जाए. जिससे वो खुद को भारत में असुरक्षित महसूस करने लगें. क्योंकि अगर भारत की ये बड़े सेलिब्रिटी या मुस्लिम धर्मगुरू सुरक्षा को लेकर सार्वजनिक तौर पर कोई बयान देते तो इससे भारत के खिलाफ इंटरनेशनल मंच पर माहौल तैयार किया जा सकता है. जिसका फायदा पाकिस्तान और बांग्लादेश के जैसे भारत विरोधी मुल्क उठा सकते हैं.
बांग्लादेश में इस वक्त कट्टरपंथी सरकार है. जो पाकिस्तान के नफरती एजेंडे के आगे बढ़ा रही है. लेकिन ये कोई पहला मामला नहीं है...इससे पहले भी जब पठान फिल्म के कुछ सीन्स को लेकर देश में विवाद हुआ था. तब पाकिस्तान ने इसे ये कहकर मुद्दा बनाया था कि चूंकि शाहरुख़ खान मुसलमान है तो भारत में उन्हें जानबूझकर उन्हें टारगेट किया जा रहा है.
पाकिस्तान ने ऐसी ही हरकत गीतकार जावेद अख़्तर के मामले में भी की. हालांकि जावेद अख़्तर ने तो पाकिस्तानी टीवी चैनल पर बैठकर ही पाकिस्तान को ऐसा जवाब दिया कि उसकी सारी हेंकड़ी निकल गई.
'जावेद अख्तर ने धो डाला था'
तब जावेद अख्तर ने कहा था, 'हमने तो नुसरत के बड़े-बड़े फंक्शन किए हैं. मेहंदी हसन के बड़े-बड़े फंक्शन किए हैं. आपके मुल्क में तो लता मंगेशकर का कोई फंक्शन नहीं हुआ. हम तो मुंबई के लोग हैं, हमने देखा कि हमारे शहर पर कैसे हमला हुआ था. वो लोग नॉर्वे से तो नहीं आए थे, ना ही इजिप्ट से आए थे. वो लोग अभी भी आपके मुल्क में घूम रहे हैं'.
पाकिस्तान भले जो कह मगर भारत का मुसलमान जानता है कि वो पाकिस्तानी मुसलमान के मुकाबले कहीं ज़्यादा खुश है और संपन्न है. लिहाजा वो पाकिस्तान के किसी भी प्रोपेगेंडा में नहीं फंसता है. मुमकिन है इसी वजह से पाकिस्तान ने अपना एजेंडा पूरा करने के लिए बांग्लादेश का इस्तेमाल किया .