हाल ही में एडीआर रिपोर्ट में बड़ा राजनीतिक पार्टियों की कमाई और खर्चे से जुड़ी बड़ी जानकारी सामने आई है. इसमें बताया गया है कि क्षेत्रीय पार्टियों में टीएमसी और बीआरएस ने चुनावी बॉन्ड के ज़रिए बड़ी रकम हासिल की है. इस खबर में देखिए सभी आंकड़े.
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ADR Report: क्षेत्रीय दलों ने वित्त वर्ष 2023-24 में अपनी आय का बड़ा हिस्सा इलेक्टोरल बॉन्ड्स के ज़रिए हासिल किया, जो 15 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द कर दिए गए. चुनाव आयोग को जमा की गई वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट्स के मुताबिक यह जानकारी सामने आई है. तृणमूल कांग्रेस को 31 मार्च 2023 से 15 फरवरी 2024 के बीच 612.4 करोड़ रुपये मिले, इसके बाद बीआरएस को 495.5 करोड़ रुपये के बांड प्राप्त हुए.
इसके अलावा बीजेडी को 245.5 करोड़ रुपये, टीडीपी को 174.1 करोड़ रुपये, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को 121.5 करोड़ रुपये, डीएमके को 60 करोड़ रुपये, जेएमएम को 11.5 करोड़ रुपये और सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट को 5.5 करोड़ रुपये मिले. टीएमसी की कुल आय का 95 फीसद हिस्सा बॉन्ड से आया, जबकि बीआरएस के लिए यह 72%, बीजेडी के लिए 82%, टीडीपी के लिए 61%, वाईएसआरसीपी के लिए 64%, डीएमके के लिए 33%, जेएमएम के लिए 73% था.
पिछले वित्त वर्ष में AAP की आय का 44 फीसद हिस्सा पोल बॉन्ड के ज़रिए आया था. चार नेशनल पार्टियों में से जिनकी 2023-24 की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मौजूद है, सिर्फ AAP ने चुनावी बॉन्ड के ज़रिए योगदान का ऐलान किया है. हालांकि AAP की 2023-24 की रिपोर्ट में चुनावी ट्रस्टों से किसी भी दान की घोषणा नहीं की गई है, इसलिए यह मान लेना सुरक्षित हो सकता है कि 'बॉन्ड/ट्रस्ट से दान' के तहत दिखाए गए पूरे 10.1 करोड़ रुपये बॉन्ड से आए हैं. यह AAP के ज़रिए 2023-24 में घोषित कुल आय का 44 प्रतिशत से ज्यादा है.
2023-24 और 2022-23 की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट की तुलना से पता चलता है कि चुनावी बॉन्ड से टीएमसी को 88% का इज़ाफा हुआ है. बीजेडी के लिए 61 फीसद, वाईएसआरसीपी के लिए 133%, टीडीपी के लिए 412% और जेएमएम के लिए 858% का इज़ाफा देखने को मिला है. एसडीएफ ने 2022-23 में बॉन्ड के माध्यम से किसी भी दान का ऐलान नहीं किया है.
हालांकि चुनावी बॉन्ड के ज़रिए से डीएमके को पिछले वर्ष की तुलना में 2023-24 में 67 फीसद की गिरावट आई, जबकि बीआरएस में 6.3% की गिरावट आई. चार राष्ट्रीय दलों - बीएसपी, आप, सीपीएम और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के ज़रिए साल 2023-24 के लिए घोषित कुल आय के संबंध में बीएसपी की आय सबसे ज्यादा 64.8 करोड़ रुपये (2022-23 में 29.3 करोड़ रुपये से ज्यादा) थी, उसके बाद आप की आय 22.7 करोड़ रुपये (85.2 करोड़ रुपये से कम), एनपीपी की आय 22.4 लाख रुपये (7.6 करोड़ रुपये से कम) और सीपीएम की आय 16.8 लाख रुपये (14.2 लाख रुपये से अधिक) थी. पिछले वित्त वर्ष के लिए बीएसपी के ज़रिए घोषित कुल खर्च 43.2 करोड़ रुपये, आप 34.1 करोड़ रुपये, एनपीपी 1.1 करोड़ रुपये और सीपीएम 12.7 लाख रुपये है.
क्षेत्रीय पार्टियों में बीआरएस ने 2023-24 में सबसे ज्यादा 685.5 करोड़ रुपये (2022-23 में 737.7 करोड़ रुपये से कम) आय घोषित की है, इसके बाद टीएमसी ने 646.4 करोड़ रुपये (333.4 करोड़ रुपये से ज्यादा), बीजेडी ने 297.8 करोड़ रुपये (181 करोड़ रुपये से अधिक), टीडीपी ने 285.1 करोड़ रुपये (64 करोड़ रुपये से ज्यादा), वाईएसआरसीपी ने 191 करोड़ रुपये (74.8 करोड़ रुपये से ज्यादा), डीएमके ने 181 करोड़ रुपये (214.3 करोड़ रुपये से कम).
इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने 26.1 करोड़ रुपये (32.9 करोड़ रुपये से कम), सीपीआई ने 19.5 करोड़ रुपये (15.3 करोड़ रुपये से अधिक), जेएमएम ने 15.8 करोड़ रुपये (2.7 करोड़ रुपये से अधिक) ऐलान किए हैं. 2023-24 में वाईएसआरसीपी ने 295.8 करोड़ रुपये, बीआरएस ने 254.9 करोड़ रुपये, टीएमसी ने 231.5 करोड़ रुपये, डीएमके ने 200 करोड़ रुपये, टीडीपी ने 121.1 करोड़ रुपये, बीजेडी ने 44 करोड़ रुपये, एसपी ने 39.4 करोड़ रुपये और सीपीआई ने 13.8 करोड़ रुपये खर्च किए.