Julian Assange Case: क्या US के कहर से बच जाएंगे जूलियन? जो बाइडेन के कमेंट पर क्या बोलीं असांजे की पत्नी
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Julian Assange Case: क्या US के कहर से बच जाएंगे जूलियन? जो बाइडेन के कमेंट पर क्या बोलीं असांजे की पत्नी

असांजे की रिहाई की मांग को लेकर लंदन में विभिन्न जगहों पर उनके समर्थकों ने रैलियां आयोजित कीं. वह लंदन की हाई सिक्योरिटी वाली बेलमार्श जेल में कैद हैं.

Julian Assange Case: क्या US के कहर से बच जाएंगे जूलियन? जो बाइडेन के कमेंट पर क्या बोलीं असांजे की पत्नी

विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे के समर्थकों के लिए उनकी पत्नी की बात थोड़ी राहत भरी हो सकती है. असांजे की पत्नी ने गुरुवार को कहा कि उनकी पति का कानूनी मामला अब सही दिशा में जा सकता है. वह इसलिए क्योंकि जो बाइडेन ने पुष्टि की है कि अमेरिका जेल में कैद असांजे पर आरोप हटा सकता है. असांजे की रिहाई की मांग को लेकर लंदन में विभिन्न जगहों पर उनके समर्थकों ने रैलियां आयोजित कीं. वह लंदन की हाई सिक्योरिटी वाली बेलमार्श जेल में कैद हैं.

'हम विचार कर रहे हैं'

जब बुधवार को मीडिया ने जो बाइडेन से खुफिया अमेरिकी दस्तावेज लीक मामले में जेल में बरसों से कैद असांजे पर से आरोप हटाने के ऑस्ट्रेलिया के अनुरोध के बारे में पूछा तो बाइडेन में जवाब में कहा था कि हम इस पर विचार कर रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया का प्रस्ताव यह है कि असांजे एक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक हैं और उनको वापस उनके देश भेजा जाएगा ना कि जासूसी के मामले में अमेरिका में सजा दी जाएगी. अमेरिकी अधिकारियों ने हालांकि ज्यादा जानकारी नहीं दी है लेकिन स्टेला असांजे ने कहा कि यह अच्छा संकेत है. उन्होंने कहा, 'ऐसा लगता है कि चीजें सही दिशा में चल रही हैं. जो बाइडेन को आरोप पहले दिन ही हटा देने चाहिए थे.'

साल 2010 में अफगानिस्तान और इराक जंग से जुड़े सीक्रेट दस्तावेजों के लीक होने के मामले में जूलियन असांजे को अमेरिकी सरकार ने दोषी ठहराया था. उनको उम्रकैद की सजा हो सकती है. स्टेला असांजे ने कहा कि उनके पति को जेल में शारीरिक और मानसिक परेशानियों से जूझना पड़ रहा है. अगर उनको अमेरिका भेजा गया तो उनकी मौत हो जाएगी.

क्या कहा था UK की अदालत ने

पिछले महीने ब्रिटेन की एक अदालत ने कहा था कि कि जूलियन असांजे को मौत की सजा नहीं देने की अमेरिका की ओर से गारंटी मिलने तक उनको जासूसी के आरोपों में प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता. हाई कोर्ट के दो जजों ने कहा था कि जब तक अमेरिकी अधिकारी इस बारे में और भरोसा नहीं देते कि असांजे (52) के साथ क्या किया जाएगा वे उन्हें (असांजे को) राहत देंगे. इस फैसले का यह मतलब था कि एक दशक से अधिक पुराना यह कानूनी प्रकरण जारी रहेगा.

...तो 20 मई को होगी सुनवाई

 न्यायाधीश विक्टोरिया शार्प और जेरेमी जॉनसन ने कहा थाकि अगर आश्वासन नहीं दिए जाते हैं तो हम आगे सुनवाई किए बिना अपील करने की इजाजत देंगे. जजों ने कहा था कि अगर भरोसा दिया जाता है तो हम दोनों पक्षों को अंतिम फैसला करने से पहले आगे की दलील पेश करने का मौका देंगे. अगर अमेरिका दलीलें पेश करता है तो 20 मई को सुनवाई की जाएगी. 

हालांकि अमेरिका की सरकार ने कह रही है कि असांजे ने गोपनीय सरकारी दस्तावेज चोरी और पब्लिश किये जिसने बेकसूर लोगों के जीवन को जोखिम में डाला. हालांकि अब जो बाइडेन के बयान से लगता है कि असांजे के लिए चीजें भविष्य में आसान हो सकती हैं. 

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