Pakistan से भी कमजोर है इस मुस्लिम देश की करेंसी, खाना खरीदने के लिए लगते हैं बैग भर नोट
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Pakistan से भी कमजोर है इस मुस्लिम देश की करेंसी, खाना खरीदने के लिए लगते हैं बैग भर नोट

Iran Financial Crisis: पाकिस्तान (Pakistan) की सीमा से लगा हुआ एक और देश है जिसके आर्थिक हालात उससे भी ज्यादा खराब हैं. अमेरिका की पाबंदियों की वजह से यहां की इकोनॉमी (Economy) उबर नहीं पा रही है.

ईरानी रियाल

Iran Economic Sanctions: पाकिस्तान (Pakistan) के आर्थिक हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं. पाकिस्तानी रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगातार गिर रहा है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि पाकिस्तान के अलावा उससे लगा हुआ एक ऐसा देश भी है जिसके आर्थिक हालात तो जरूरत से ज्यादा खराब हैं. इस देश की मुद्रा दुनिया में सबसे कमजोर है. यह देश गंभीर आर्थिक संकट (Economic Crisis) से गुजर रहा है. यह देश कोई और नहीं बल्कि ईरान (Iran) है. ईरान की मुद्रा ईरानी रियाल (Iranian Rial) की कीमत अमेरिकी डॉलर (USD) के मुकाबले बहुत कम है. 1 डॉलर के बदले 42,200 ईरानी रियाल मिल जाते हैं. आइए जानते हैं कि और ऐसे कौन से देश हैं जिनकी कीमत डॉलर के मुकाबले हजारों में है.

ईरान की करेंसी है सबसे कमजोर

दुनिया में सबसे कमजोर मुद्रा ईरान की है. ईरानी रियाल की हालत अमेरिकी डॉलर के मुकाबले बेहद खराब है. साल 2022 खत्म होने के साथ ही ईरानी रियाल को सबसे कमजोर माना गया. ईरान के बेहद खराब आर्थिक हालात की वजह मुख्य रूप से अमेरिका की तरफ से लगाई गईं पाबंदियां हैं. इसकी वजह से कई देश ईरान से व्यापार नहीं करते हैं. आर्थिक हालात के अलावा ईरान को सियासी रूप से भी कमजोर माना जाता है.

इंडोनेशिया के खराब आर्थिक हालात

बता दें कि इंडोनेशिया के आर्थिक हालात भी बहुत खराब हैं. इंडोनेशिया की मुद्रा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले काफी कमजोर है. 1 अमेरिकी डॉलर में 14,985 इंडोनेशियाई रुपये मिल जाते हैं. थोड़ी राहत की बात है कि पिछले 2 साल में इंडोनेशियाई मुद्रा में थोड़ा सुधार देखने को मिला है, लेकिन यह इतना भी नहीं है कि इंडोनेशिया के आर्थिक हालात को ठीक कर सके.

वियतनाम की अर्थव्यवस्था है खराब

वियतनाम की करेंसी डोंग के हालात भी बहुत खराब हैं. 23,467 वियतनामी डोंग में सिर्फ एक अमेरिकी डॉलर मिलता है. वियतनाम की मुद्रा भी काफी कमजोर है. वियतनाम की इकोनॉमी लगातार खराब हो रही है. बहुत कोशिशों के बाद भी वियतनाम निवेशकों को आकर्षित नहीं कर पा रहा है.

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