Armenia-Azerbaijan War: अजरबैजान (Azerbaijan) और आर्मेनिया (Armenia) लंबे समय से नागोर्नो-काराबाख के इलाके को लेकर झगड़ रहे हैं. भारत की एंट्री ने सबको चौंका दिया है.
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Armenia-Azerbaijan Conflict: पाकिस्तान (Pakistan), टर्की (Turkey) और इन दोनों के पक्के दोस्त अजरबैजान (Azerbaijan) को मिर्ची लगना तय है क्योंकि भारत (India) और आर्मेनिया (Armenia) के बीच हथियारों की डील को लेकर करार की खबर है. आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच विवाद चलता रहता है और इसके चलते पाकिस्तान भी आर्मेनिया को अपना दुश्मन मानता है. इस बीच, खबर है कि भारत ने आर्मेनिया को मिसाइलें और अन्य खतरनाक हथियार देने का फैसला किया है. इस पर अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलियेव (Ilham Aliyev) ने आपत्ति जताई है. इल्हाम अलियेव ने कहा कि यह भारत का अनफ्रेंडली कदम है.
अजरबैजान के राष्ट्रपति ने जताई आपत्ति
अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलियेव ने कहा कि हमारे दुश्मन अर्मेनिया को भारत की तरफ से हथियार दिए जाना एक अनफ्रेंडली कदम है. हम एक गंभीर खतरे का सामना कर रहे हैं और उससे तुरंत निपटेंगे. खतरा चाहे कहीं भी हो, हमारी सीमा के अंदर या बाहर, हम उसे खत्म करेंगे. ऐसा करना हमारा अधिकार है.
हथियारों की डील पर कही ये बात
राष्ट्रपति इल्हाम अलियेव ने आगे कहा कि हम जानते हैं कि कौन से ऐसे देश हैं जो आर्मेनिया को हथियार देने की तैयारी में हैं. दुर्भाग्य से, भारत अब उनमें से एक है. उनका यह कदम मित्रता वाला नहीं है क्योंकि इन हथियारों का टारगेट सिर्फ एक ही होगा, वो अजरबैजान है.
आर्मेनिया को मिसाइलें देगा भारत!
मीडिया रिपोर्ट्स में सितंबर में ये बात सामने आई थी कि भारत, आर्मेनिया को मिसाइलें, रॉकेट और अन्य हथियार देने जा रहा है. इसके लिए करार भी हो गया है. वहीं, दूसरी ओर अजरबैजान को टर्की और पाकिस्तान का साथ मिलता रहता है. दोनों अजरबैजान को हथियारों की आपूर्ति करते हैं.
जान लें कि आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच विवाद दशकों पुराना है. दोनों देश नागोर्नो-काराबाख के इलाके पर दावा करते हैं. इसको लेकर कई बार दोनों देशों की झड़प हो चुकी है.
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