India Maldives Row: भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों का खंडन किया है कि मालदीव में विपक्ष ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू के खिलाफ महाभियोग चलाने की साजिश रचने के लिए नई दिल्ली से 6 मिलियन डॉलर मांगे थे.
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India Maldives Row: लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में जब कोई मीडिया संस्थान अपना निजी एजेंडा चलाता है और उसका इस्तेमाल वो किसी दूसरे देश के हितों को प्रभावित करने के लिए करता है तो ये एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति होती है. ऐसा होने पर एक क्षेत्र की जियोपॉलिटिक्स पर असर पड़ सकता है. ठीक ऐसे ही एक मामले में भारत की कूटनीति पर सवाल उठाने वालों को केंद्र सरकार ने करारा जवाब दिया है. अपने जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय ने वाशिंगटन पोस्ट द्वारा प्रकाशित उन दो हालिया खबरों की शुक्रवार को कड़ी निंदा की जिनमें से एक में नयी दिल्ली को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग चलाने की असफल साजिश से जोड़ा गया था, तथा दूसरी रिपोर्ट में भारतीय एजेंटों द्वारा पाकिस्तान में कुछ आतंकवादी तत्वों को खत्म करने के कथित प्रयास के बारे में बताया गया था.
एंटी इंडिया एजेंडा...
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इन खबरों को खारिज करते हुए कहा कि अखबार और संबंधित रिपोर्टर भारत के प्रति ‘जबरदस्त शत्रुता’ रखते प्रतीत होते हैं.
मालदीव पर अपनी खबर में, अखबार ने ‘डेमोक्रेटिक रिन्यूअल इनिशिएटिव’ नामक एक दस्तावेज का हवाला देते हुए दावा किया कि विपक्षी राजनेताओं ने मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए वोट देने के वास्ते उनकी अपनी पार्टी के सदस्यों सहित 40 संसद सदस्यों को रिश्वत देने का प्रस्ताव रखा था. इसमें कहा गया है कि महीनों की गुप्त वार्ता के बाद भी षड्यंत्रकारी राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने के लिए पर्याप्त वोट जुटाने में असफल रहे.
पाकिस्तान को भी लपेटा
जायसवाल ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि ये अखबार और इसका रिपोर्टर दोनों ही भारत के प्रति एक जबरदस्त दुश्मनी रखते हैं. आप उनकी गतिविधियों में एक प्रारूप देख सकते हैं. मैं उनकी विश्वसनीयता का फैसला आप पर छोड़ता हूं. जहां तक हमारा सवाल है, उनमें कोई दम नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘जहां तक पाकिस्तान पर खबर का सवाल है, मैं आपको हिलेरी क्लिंटन की बात याद दिलाना चाहता हूं - ‘आप अपने घर के पिछवाड़े में सांप नहीं पाल सकते और उम्मीद नहीं कर सकते कि वे सिर्फ आपके पड़ोसियों को ही काटेंगे.’
क्लिंटन ने 2011 में पाकिस्तान को एक स्पष्ट संदेश में ये टिप्पणी की थी. उस समय वो अमेरिकी विदेश मंत्री थीं. उस दौरान उन्होंने ये भी कहा था कि वाशिंगटन का इरादा पाकिस्तानियों पर एक बहुत बड़ा दबाव डालने का है ताकि वे आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों को हटाएं और हक्कानी नेटवर्क जैसे समूहों से निपटें जो सीमा पार हमलों के लिए जिम्मेदार हैं.
पाकिस्तान में भारत के ‘छद्म’ अभियानों पर अपनी खबर में, वाशिंगटन पोस्ट ने अनाम पाकिस्तानी और पश्चिमी अधिकारियों के हवाले से दावा किया कि भारतीय खुफिया एजेंसी, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW), 2021 से पाकिस्तान के अंदर ‘कम से कम आधा दर्जन लोगों को मारने’ के लिए एक कार्यक्रम चला रही है. (इनपुट भाषा)