Bárðarbunga volcano: आइसलैंड के सबसे बड़े ज्वालामुखी क्षेत्रों में से एक बार्डारबुंगा ज्वालामुखी में 5 घंटे के अंदर 130 से ज्यादा भूकंप देखे जा चुके हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इसमें कभी भी बड़ा विस्फोट हो सकता है, जिससे ग्लेशियर भी फट सकता है.
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Bárðarbunga volcano: आसलैंड के बार्डारबुंगा ज्वालामुखी के आसपास इन दिनों भूकंप से जुड़ी गतिविधि में अचानक वृद्धि देखी गई है. इसमें अबतक 5 घंटे के अंदर 130 से अधिक भूकंप की घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं. ये घटनाएं 14 जनवरी 2025 को शुरू हुई थी, जिसमें 5.1 की तीव्रता वाला बड़ा भूकंप भी शामिल है.
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बार्डारबुंगा ज्वालामुखी में विस्फोट
बार्डारबुंगा ज्वालामुखी आइसलैंड के सबसे विशाल ज्वालामुखी वाले इलाकों में से एक है. इस इलाके में अबतक कई शक्तिशाली ज्वालामुखी घटनाएं देखी जा चुकी हैं. सबसे बड़ी घटना साल 2014-2015 के बीच हुई थी, जो 300 सालों में अबतक का सबसे बड़ा विस्फोट माना जाता है. इसको देखते हुए विशेषज्ञ बार्डारबुंगा ज्वालामुखी में संभावित विस्फोट को लेकर स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं.
ज्वालामुखी में होगा विस्फोट?
आइसलैंडिक मौसम विज्ञान कार्यालय ( IMO) के मुताबिक बार्डारबुंगा लगभग 190km में फैला हुई इलाका है. इसका इसका केंद्रीय स्ट्रैटोवोल्केनो ज्यादातर बर्फ से ढका हुआ है. वहीं इसमें एक बेहद बड़ा कैल्डेरा है, जो एक ग्लेशियर से भरा है. विशेषज्ञों का कहना है कि बार्डारबुंगा में असामान्य रूप से भूकंप की गतिविधि देखी जा रही है, हालांकि इसको लेकर सटीक परिणाम की भविष्यवाणी करना थोड़ा कठिन है. प्रस्तावित परिदृश्यों में साल 2014 की घटना के जैसे ही काल्डेरा के बाहर विस्फोट से लेकर ग्लेशियर के नीचे ज्यादा विस्फोट होने की गतिविधि को देखा गया है.
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विस्फोट से क्या होगा असर?
अगर काल्डेरा के अंदर विस्फोट होता है, तो इससे ग्लेशियर फट सकता है. जिससे बाढ़ और राख उत्सर्जन जैसी गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है. वैसे तो इस इलाके में भूकंप से जुड़ी गतिविधियां पहले से दर्ज की गई थी, लेकिन हाल ही में हुए भूकंप ने चिंता को अधिक बढ़ा दिया है. वैज्ञानिक यह समझने को कोशिश कर रहे हैं कि क्या भूकंप आने वाले विस्फोट से जुड़े मैग्मा मूवमेंट या टेक्टोनिक बदलाव का संकेत देते हैं या नहीं. बता दें कि बार्डारबुंगा ज्वालामुखी के अनोखे जियोग्राफिकल फीचर के कारण इसको बार-बार देखरेख और मॉनिटरिंग की जरूरत पड़ती है.