France and Spain: फीजैंट नाम के इस आईलैंड पर 1 फरवरी से 31 जुलाई तक स्पेन का राज होता है, जबकि 1 अगस्त से 31 जनवरी तक फ्रांस का शासन होता है. यह सिस्टम 350 साल से चल रहा है. यह आईलैंड दोनों देशों की सीमा के बीच बहने वाली बिदासो नदी के बीच में ही स्थित है.
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France and Spain Friendly Relation: सीमा को लेकर अक्सर दो देशों के बीच युद्ध होते रहते हैं. कोई भी देश अपनी जमीन दूसरे को नहीं देना चाहता. इसे लेकर अक्सर गतिरोध भी बना रहता है. भारत और पाकिस्तान के बीच वर्षों से चल रहा तनाव इसी बात का प्रमाण है. पर दुनिया में एक ऐसा भी आईलैंड है जिसे लेकर दोनों देश मिलकर एक-दूसरे से साझा करते हैं. यह आईलैंड फ्रांस और स्पेन की सीमा के बीच बसा हुआ है. इस दोनों देश साल में 6-6 महीने राज करते हैं. ये साझेदारी बिना किसी लड़ाई और झगड़े के ही चल रही है.
खास दिन को छोड़कर किसी को जाने की अनुमति नहीं
हम जिस आईलैंड की बात कर रहे हैं, उसका नाम फीजैंट है. यहां 1 फरवरी से 31 जुलाई तक स्पेन का राज होता है, जबकि 1 अगस्त से 31 जनवरी तक फ्रांस का शासन होता है. यह सिस्टम 350 साल से चल रहा है. फीजैंट नाम का यह आईलैंड दोनों देशों की सीमा के बीच बहने वाली बिदासो (Bidassoa) नदी के बीच में ही स्थित है. इस आईलैंड पर कोई भी नहीं रहता है. अगर खास दिनों को छोड़ दें तो इस आईलैंड पर किसी को भी जाने की अनुमति नहीं होती है.
वर्ष 1659 में दोनों देशों के बीच हुई थी खास संधि
रिपोर्ट के अनुसार, इस आईलैंड पर एक ऐतिहासिक इमारत स्थित है और इसका कनेक्शन वर्ष 1659 में हुई एक घटना से है. दरअसल, पहले इस आईलैंड पर फ्रांस और स्पेन दोनों ही अपना दावा करते थे. दोनों देशों के बीच इसे लेकर विवाद भी हुआ, लेकिन वर्ष 1659 में दोनों देशों के बीच 3 महीने की बातचीत के बाद एक संधि हुई. इस संधि को पाइनीस संधि के नाम से जाना जाता है. यह संधि स्पेनिश किंग फिलिप IV की बेटी और फ्रेंच के राजा लुईस XIV की शादी के साथ हुई. तब से ही इस आईलैंड पर दोनों देश रोटेशन प्रोसेस के तहत शासन करते हैं. शासन का सिस्टम ये है कि बॉर्डर से लगे स्पेनिश कस्बे सैन सेबेस्टियन और फ्रांस के बेयोने (Bayonne) के नेवल कमांडर ही इस आईलैंड के कार्यकारी गवर्नर होते हैं.
200 मीटर लंबा है यह आईलैंड
दोनों देशों के बीच में बसा यह आईलैंड सिर्फ 200 मीटर लंबा और 40 मीटर चौड़ा है. यह आज भी पुराने लोगों के बीच चर्चा का विषय बना रहता है. हालांकि चिंता की बात ये है कि धीरे-धीरे करके यह आईलैंड खत्म होता जा रहा है. इसका काफी हिस्सा नदी में मिल चुका है. दुख की बात ये है कि दोनों में से कोई भी देश इसे बचाने की कोशश नहीं कर रहे हैं.
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