Australian Woman Legal Fight: ऑस्ट्रेलिया की रहने वाली एक महिला ने अनोखी कानूनी लड़ाई लड़ी. 2017-2019 में अपने दो बच्चों को खोने के बाद वो एक बार फिर मां बनना चाहती थी. वो सरोगेसी के जरिए बच्चा पैदा करना चाहती थी. लेकिन प्लानिंग से पहले ही उसके 61 साल के पति की मौत हो गई. उसने अस्पताल से अपने मरे हुए पति के स्पर्म पाने की गुहार लगाई थी. हालांकि अस्पताल ने मना कर दिया था.
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Dead Man Sperm News: मरे हुए पति के स्पर्म को हासिल करने के लिए कानूनी लड़ाई. इसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे. भला कोई ऐसा भी करता है क्या. लेकिन ऑस्ट्रेलिया के एक महिला ने ना सिर्फ पति के स्पर्म को हासिल करने के लिए कानूनी जंग लड़ी. बल्कि जीत भी हासिल की है. कानूनी बंदिशों की वजह से महिला के नाम का खुलासा नहीं किया गया है. लेकिन अब उसे उम्मीद जगी है कि वो एक बार फिर बच्चों को सुख हासिल कर सकेगी. लेकिन उस महिला की पूरी कहानी को जब आप सुनेंगे तो शायद ही आप अपने आंसुओं को रोक पाएं.
यह है मामला
महिला के दो बच्चे थे. लेकिन साल 2019 में उसके बेटे की मौत कार हादसे में हुई. उससे पहले उसकी बेटी की मौत डूबने से तब हुई जब वो एक फिशिंग ट्रिप पर थी. बच्चों की मौत के बाद महिला और उसके पति दोनों पूरी तरह टूट चुके थे. सदमे से उबरने के बाद एक बार फिर उन्होंने मां और पिता बनने का फैसला किया. सरोगेसी के जरिए वो बच्चा पैदा करना चाहते थे. क्योंकि महिला की उम्र आड़े आ रही थी. वो अपनी चाहत को जमीन पर उतारने की तैयारी में जुटे थे. लेकिन पिछले साल दिसंबर में महिला के पति की मौत अस्पताल में हो गई. महिला ने अस्पताल प्रशासन से डेड पति के स्पर्म को देने की अपील की. लेकिन अस्पताल प्रशासन ने इनकार कर दिया. जब महिला की मिन्नतें काम नहीं आई तो उसने वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया.
महिला ने जीती कानूनी लड़ाई
महिला की अपील पर अदालत ने सुनवाई की और ऐतिहासिक फैसले में कहा कि डेड पति के स्पर्म को दिया जा सकता है. इस तरह से कानूनी लड़ाई में वो अस्पताल पर भारी पड़ी. उसके लिए अदालत का फैसला उम्मीद की किरण बनकर आई. हालांकि अभी उस महिला को कई और कानूनी बंदिशों से पार पाना है. अब सवाल यह है कि क्या किसी डेड इंसान के शख्स के स्पर्म से बच्चा पैदा किया जा सकता है. शोधकर्ता बताते हैं कि रिप्रोडक्टिव टिश्यू यानी स्पर्म को मौत के दो दिनों के अंदर कलेक्ट करने पर ही वो प्रभावी रहता है. यानी कि आप उसका उपयोग फर्टिलाइजेशन के लिए कर सकते हैं. हालांकि इस केस में फर्टिलाइजेशन के लिए अदालत से अलग आदेश हासिल करना पड़ेगा.