Chhattisgarh BJP CM Candidate: छत्तीसगढ़ के सीएम के बारे में बीजेपी ने अभी कोई फैसला नहीं किया है. लेकिन एसटी समाज से आने वाली रेणुका सिंह को राज्य की कमान मिल सकती है. रेणुका सिंह सरगुजा संभाग में एसटी समाज की एक बड़ी चेहरा हैं.
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Who is Reuka singh: छत्तीसगढ़ में बीजेपी की बंपर जीत के बाद अब सीएम कौन होगा चर्चा इस विषय पर है. सीएम की रेस में कई नामों के बीच एक चेहरे पर जबरदस्त अटकलें लगाई जा रही हैं. उनका नाम रेणुका सिंह है. रेणुका सिंह ने भरतपुर सोनहट एसटी सीट पर जबरदस्त जीत हासिल की. उन्होंने कांग्रेस के गुलाब कामरो को बड़े अंतर से हरा दिया. अगर वो सीएम बनने में कामयाब होती हैं तो छत्तीसगढ़ को ना सिर्फ अनुसूचित जनजाति का सीएम का मिलेगा बल्कि राज्य की कमान पहली बार किसी महिला के हाथ में हो सकती है.
मोदी सरकार में मंत्री हैं रेणुका सिंह
मौजूदा समय में रेणुका सिंह, नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में अनुसूचित जनजाति विभाग की मंत्री में है. इनके बारे में कहा जाता है कि जमीनी स्तर पर छत्तीसगढ़ के सरगुजा इलाके में एसटी समाज में गहरी पैठ है. यही नहीं महिलाओं में इनका क्रेज है. वैसे तो सामान्य तौर पर यह सधे बयानों के लिए जानी जाती रही हैं. लेकिन 2023 विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान वो अपने एक बयान की वजह से चर्चा में भी आ गई थीं. चुनावी प्रचार के दौरान कहा था कि अगर कोई उनके एक कार्यकर्ता की उंगली काटने की कोशिश करेगा तो वो उसका एक हाथ काटकर दूसरे हाथ में देना जानती हैं. जाहिर सी बात है कि वो अपने विरोधी उम्मीदवार और कांग्रेस सरकार पर निशाना साध रही थी.
अविभाजित कोरिया जिले की रहने वाली, 12वीं तक शिक्षा
गोंड समाज से नाता, छत्तीसगढ़ में यह समाज प्रभावी
2003 में पहली बार विधायक बनीं
2008 में रमन सिंह सरकार में शामिल
2019 में सरगुजा से बीजेपी सांसद
इस समय मोदी सरकार में अनुसूचित जनजाति राज्य मंत्री
ऐसा है रेणुका सिंह का सियासी सफर
5 जनवरी को रेणुका सिंह का जन्म कोरिया जिले के गांव पोड़ी बचरा में हुआ था. उनका राजनीति में आगाज रामानजु नगर जिला पंचायत सदस्य के तौर पर हुई थी. जमीनी स्तर से राजनीति का ककहरा सीखते हुए रामानुज नगर की बीजेपी मंडल अध्यक्ष रहीं. ब्लॉक और जिला स्तर की राजनीति से कदम आगे बढ़ाते हुए बीजेपी महिला मोर्चा की मंत्री रहीं. 2003 में में प्रेमनगर विधानसभा सीट से जीत कर रायपुर पहुंची. जीत का सिलसिला 2008 में भी बरकरार रहा. 2008 में उन्हें रमन सिंह सरकार का हिस्सा बनने का मौका मिला और महिला बाल विकास समाज कल्याण विभाग की जिम्मेदारी मिली. इसके अलावा आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष भी रहीं. 2019 में सरगुजा लोकसभा से जीत दर्ज कीं और फिलहाल अनुसूचित जनजाति विकास राज्य मंत्री हैं.
पहली पसंद रेणुका सिंह ही क्यों
यहां आपके मन में सवाल उठ रहे होंगे कि जब छत्तीसगढ़ में कई कद्दावर चेहरे पहले से मौजूद हैं तो रेणुका सिंह का नाम सबसे आगे क्यों आया. इसके लिए छत्तीसगढ़ के नतीजों के साथ साथ वादे को भी समझना होगा. चुनावी प्रचार के दौरान बीजेपी के सभी बड़े नेता कहते थे कि भूपेश बघेल की अगुवाई वाली सरकार में महिलाओं के साथ क्या हुआ है वो सबको पता है. अगर राज्य में बीजेपी की सरकार आई तो महिलाओं का विकास उनकी पहली प्राथमिकता होगी. इसके साथ ही महतारी वंदन स्कीम का भी जोरशोर से प्रचार किया गया. इसके अलावा अगर नतीजों को देखें तो बीजेपी ने सरगुजा और बस्तर दोनों संभागों में जबरदस्त जीत हासिल करने में कामयाब रही. सरगुजा की 14 और बस्तर की 11 आदिवासी बहुल सीटों पर कमाल कर दिया. ये वही सीटें है जो 2018 में भूपेश बघेल की जीत की बड़ी वजह बनी थीं. अब रेणुका सिंह महिला है और उनका आदिवासी समाज से नाता है ऐसे में ये दोनों फैक्टर उन्हें सीएम की रेस में सबसे आगे रखने में कारण बने हैं.