Rajasthan Chunav Result Update: राजस्थान विधानसभा की 199 सीटों पर हुए मतदान के वोटों की गिनती रविवार को हुई. काउंटिंग में भाजपा ने 115 सीटें जीतीं. कांग्रेस 69 सीटों पर सिमट गई.
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Rajasthan Chunav Result Update: राजस्थान में विधानसभा चुनाव में हर पांच साल में सरकार बदलने का 'रिवाज' इस बार भी कायम है. वोटर्स ने पुराना रिवाज कायम रखते हुए 'राज' यानी सरकार को बदल दिया है. राज्य भारतीय जनता पार्टी (BJP)को स्पष्ट बहुमत मिल गया है. हालांकि, इसके बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चा तेज हो गई है, क्योंकि अभी तक बीजेपी ने सीएम पद के लिए किसी नाम का ऐलान नहीं किया है.इस बीच वसुंधरा राजे के अलावा कई नामों की चर्चा चल रही है.
कौन बनेगा राजस्थान का मुख्यमंत्री?
- बीजेपी के दिग्गज नेताओं की मानें तो राजस्थान में जो नेता चुनाव नहीं लड़ा, वह मुख्यमंत्री बन सकता है. इसके साथ ही जिसने चुनाव लड़ा, वह उपमुख्यमंत्री हो सकता है. विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के एक दिन बाद मुख्यमंत्री पद के चयन को लेकर बीजेपी नेताओं के बीच बैक टू बैक बैठकों का दौर जारी है. सूत्रों ने बताया कि वसुंधरा राजे ने सोमवार को जयपुर में अपने विधायकों की बैठक बुलाई है, जबकि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और विधायक बाबा बालकनाथ को दिल्ली बुलाया गया है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सी.पी. जोशी को भी दिल्ली बुलाया गया है.
- सीएम पद की रेस में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत, अश्विनी वैष्णव, प्रदेश अध्यक्ष सी.पी. जोशी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और ओम माथुर शामिल हैं. इन सभी नेताओं ने चुनाव नहीं लड़ा, हालांकि, उन्होंने कड़ी मेहनत की. इसी तरह पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी इस पद की दावेदार हैं. मैदान में अन्य दावेदार राजसमंद सांसद दीया कुमारी और सांसद किरोड़ीलाल मीना हैं.
- पार्टी नेताओं ने कहा कि बीजेपी लोकसभा चुनाव के लिए सोशल इंजीनियरिंग कार्ड खेलने को इच्छुक है. वे 2024 के लोकसभा चुनावों में अपना वोट शेयर प्रतिशत बढ़ाने के लिए दलित/मीणा कार्ड खेल सकते हैं. अंतिम फैसला पीएम मोदी और अमित शाह के स्तर पर लिया जाएगा. दिल्ली में नाम तय होने के बाद जल्द ही जयपुर में बीजेपी विधायक दल की बैठक बुलाई जाएगी. इस बैठक में बीजेपी के चुनाव प्रभारी, प्रदेश प्रभारी और वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे. विधायक दल की बैठक में ही सीएम के नाम का ऐलान किया जाएगा. बीजेपी में इसी परंपरा के तहत सीएम के नाम का ऐलान किया जाता है.
बालकनाथ और गजेंद्र सिंह दिल्ली पहुंचे
भाजपा के पक्ष में जनमत मिलने के बाद योगी बालकनाथ और गजेंद्र सिंह शेखावत दिल्ली पहुंचे हैं. बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है. यह भी कहा जा रहा है कि सीएम पद को लेकर चर्चा के लिए दोनों दिल्ली पहुंचे हैं. हालांकि, यह भी हो सकता है दोनों नेता संसद के शीतकालीन सत्र में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली पहुंचे हों.
बीजेपी ने 115 सीटों पर दर्ज की जीत
विधानसभा की 199 सीटों पर हुए मतदान के वोटों की गिनती रविवार को हुई. काउंटिंग में भाजपा ने 115 सीटें जीतीं. कांग्रेस 69 सीटों पर सिमट गई. आठ निर्दलीय जीते. तीन सीटों पर भारत आदिवासी पार्टी के उम्मीदवार जीते. दो सीटें बसपा के खाते में गईं और आरएलडी ने एक सीट पर जीत दर्ज की. राज्य में 200 में से 199 सीटों पर 25 नवंबर को मतदान हुआ था जहां 75.45 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले. राज्य की करणपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार के निधन के कारण चुनाव स्थगित किया गया है.
बीजेपी और कांग्रेस के मतों में सिर्फ 2 फीसदी का अंतर
मत प्रतिशत के मामले में भाजपा और कांग्रेस को मिले कुल मतों में लगभग दो प्रतिशत का अंतर रहा है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, भाजपा को 41.69 प्रतिशत वोट मिले और कांग्रेस को 39.53 प्रतिशत वोट मिले. 2018 के विधानसभा चुनाव में हालांकि यह अंतर एक प्रतिशत से भी कम का था. हालांकि, नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 'जनादेश' को स्वीकार करते हुए अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया. इसके साथ ही गहलोत ने चुनाव परिणामों को सभी के लिए अप्रत्याशित बताया.
कमल के निशान पर बीजेपी ने लड़ा विधानसभा चुनाव
परिणाम आने के बाद, तुरंत यह स्पष्ट नहीं है कि भाजपा अगले मुख्यमंत्री के रूप में किसे चुनेगी. चुनाव अभियान के दौरान, मोदी ने स्पष्ट कर दिया था कि पार्टी का चुनाव चिन्ह 'कमल' ही उसका चेहरा होगा. बता दें कि राजस्थान के साथ-साथ मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिसे 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले 'सेमीफाइनल' बताया जा रहा है. भाजपा ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी जीत दर्ज की है. इसके साथ ही मिजोरम में भी बीजेपी का वोट प्रतिशत दोगुना हुआ है.
2018 का चुनाव परिणाम
इससे पहले 2018 के चुनावों में कांग्रेस के 107, भाजपा के 70 और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के तीन विधायक थे. इसके अलावा माकपा और भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के पास दो-दो सीटें थीं और राष्ट्रीय लोक दल के पास एक सीट थी. विधानसभा में 13 निर्दलीय थे और दो सीटें (उदयपुर और करणपुर) खाली थीं.