Chhattisgarh Chunav: दंगों में मारा गया बेटा, BJP से मिला टिकट और 7 बार के विधायक को दे दी मात; कहानी मजदूर ईश्वर साहू की
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Chhattisgarh Chunav: दंगों में मारा गया बेटा, BJP से मिला टिकट और 7 बार के विधायक को दे दी मात; कहानी मजदूर ईश्वर साहू की

Chhattisgarh Results: चुनाव जीतने के बाद ईश्वर साहू ने ZEE NEWS से बात करते हुए अपनी जीत को जनता की जीत बताया. उन्होंने कहा, 'बीजेपी ने मुझे प्रत्याशी बनाया जिसका मैं आभारी हूं. जनता ने मुझे आशीर्वाद दिया है. 

Chhattisgarh Chunav: दंगों में मारा गया बेटा, BJP से मिला टिकट और 7 बार के विधायक को दे दी मात; कहानी मजदूर ईश्वर साहू की

Election 2023: छत्तीसगढ़ में सबको चौंकाते हुए बीजेपी ने शानदार जीत हासिल की है. तमाम एग्जिट पोल्स को धता बताते हुए पार्टी ने भूपेश बघेल सरकार को सत्ता से आउट कर दिया. लेकिन इस पूरे चुनाव में जिस उम्मीदवार की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, वो है ईश्वर साहू की, जिन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा और 7 बार के विधायक और बघेल सरकार में मंत्री रहे रविंद्र चौबे को साजा सीट से हरा दिया. ईश्वर साहू पेशे से किसान हैं. 

बेमेतरा में बीजेपी का जलवा

दरअसल, बेमेतरा जिला में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने तीनों सीट पर अपना परचम लहरा दिया है. सबसे दिलचस्प मुकाबला हाई प्रोफाइल सीट साजा पर देखा गया, जहां से कैबिनेट मंत्री रविंद्र चौबे को बिरनपुर हिंसा में मृतक भुनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू ने 5306 से अधिक मतों से मात दे दी है. चुनाव जीतने के बाद ईश्वर साहू ने ZEE NEWS से बात करते हुए अपनी जीत को जनता की जीत बताया. उन्होंने कहा, 'बीजेपी ने मुझे प्रत्याशी बनाया जिसका मैं आभारी हूं. जनता ने मुझे आशीर्वाद दिया है. जनता ने ईश्वर साहू को नहीं जिताया है बल्कि जनता ने रविंद्र चौबे को हराया है.'

8 अप्रैल को हिंसा में गई बेटे की जान

गौरलतब है कि साजा विधानसभा के बिरनपुर गांव में 8 अप्रैल को दो बच्चों के विवाद को लेकर हिंसा हो गई थी, जिसमें 22 वर्षीय युवक भुनेश्वर साहू की मौत हो गई थी. इसके बाद पूरी प्रदेश में बिरनपुर हिंसा की आग सुलग गई. भाजपा ने मामले को गंभीरता से लिया और बिरनपुर हिंसा में मृतक भुनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू को विधानसभा प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा. उन्होंने प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीट साजा में रविंद्र चौबे को कड़ी टक्कर देते हुए चुनाव जीत लिया. 

मजदूरी करके पालते हैं पेट

गौरतलब है कि ईश्वर साहू गरीब किसान हैं, जो 2 कमरे के कच्चे मकान में रहकर मजदूरी से पेट पालते हैं. जब Zee News की टीम बिरनपुर पहुंची तो ईश्वर साहू के घर में जीत की खुशी दिखी. कुछ वक्त पहले तक उनके घर मे भुनेश्वर की मौत का मातम पसरा रहता था. ईश्वर की जीत के बाद उनके माता-पिता, पत्नी और भाई बेहद उत्साहित दिखे. ईश्वर साहू की पत्नी और बहू लोगों को लिए मिच्छर बूंदी बना रही थी. उनके परिजनों ने ईश्वर को टिकट देने के लिए बीजेपी का आभार जताया और कहा कि हम कोशिश करेंगे कि लोगों की परेशानियों को दूर कर उनकी सेवा कर सकें.

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