मोदी सरकार बड़े एक्शन की तैयारी में! WhatsApp को भेजा नोटिस, अब हैकर्स की खैर नहीं
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मोदी सरकार बड़े एक्शन की तैयारी में! WhatsApp को भेजा नोटिस, अब हैकर्स की खैर नहीं

MeitY सचिव एस कृष्णन के हवाले से, विभाग ने Meta के साथ स्कैम मुद्दे को उठाया है. कृष्णन ने ईटी को बताया, 'यह एक निरंतर प्रक्रिया है, स्कैमर्स नए तरीके खोजते रहेंगे, जिससे लोगों को चिंता होगी.'

 

मोदी सरकार बड़े एक्शन की तैयारी में! WhatsApp को भेजा नोटिस, अब हैकर्स की खैर नहीं

MeitY ने कथित तौर पर फेसबुक की मूल कंपनी Meta Platforms से WhatsApp से शुरू होने वाले स्कैम को रोकने के लिए कहा है. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, MeitY सचिव एस कृष्णन के हवाले से, विभाग ने Meta के साथ स्कैम मुद्दे को उठाया है. कृष्णन ने ईटी को बताया, 'यह एक निरंतर प्रक्रिया है, स्कैमर्स नए तरीके खोजते रहेंगे, जिससे लोगों को चिंता होगी.'

सरकार WhatsApp जैसी कंपनियों से लगातार बात कर रही है. सरकार चाहती है कि लोग WhatsApp पर होने वाले धोखेबाजी के मामलों की शिकायत करें. अगर आप किसी तरह की समस्या का सामना करते हैं, तो आप WhatsApp के अंदर या बाहर की शिकायत कमेटी में शिकायत कर सकते हैं.

TRAI ने कही ये बात

हाल ही में, टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने MeitY से WhatsApp के माध्यम से स्कैमर्स द्वारा भेजे जाने वाले कॉल और संदेशों की जांच और रोकथाम करने के लिए कहा है. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, TRAI अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी ने ईटी को हाल ही में एक बातचीत में बताया, ;WhatsApp कॉल पर वर्तमान में MeitY द्वारा ध्यान दिया जा रहा है, इसलिए हमने पहले ही मंत्रालय को लिखा है कि TRAI पहले से ही वॉयस कॉल और एसएमएस के संबंध में काम कर रहा है और उनसे उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.'

WhatsApp, Signal और Telegram जैसे OTT ऐप्स वर्तमान में टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) और टेलीकॉम विभाग के तहत नहीं आते हैं, बल्कि नियामक अनुपालन के मामले में MeitY के अधिकार क्षेत्र में आते हैं. टेलीकॉम रेगुलेटर इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (Meity) पर दबाव डाल रहा है कि वह स्पैम और फ़िशिंग संचार के व्यापक मामलों की जांच करने और रोकने के लिए कड़े कदम उठाए, जो तेजी से WhatsApp और टेलीग्राम जैसे ऐप्स की ओर शिफ्ट हो रहे हैं.

एक अधिकारी ने कहा कि WhatsApp कुछ हद तक DoT के साथ सहयोग कर रहा है और सरकार द्वारा अनुरोध किए जाने पर नंबरों को ब्लॉक कर रहा है, लेकिन टेलीग्राम और सिग्नल जैसे प्लेटफॉर्म पर अभी तक कोई दृश्य नियंत्रण नहीं है, जिन्हें स्कैम पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है. हालांकि, भारत में WhatsApp के विशाल यूजर बेस के कारण इसका मामला अलग है.

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