मेरी मां ने कभी...सचिन तेंदुलकर की वो ख्वाहिश जिसे BCCI ने की पूरी, 12 साल बाद मास्टर-ब्लास्टर ने खोला राज
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मेरी मां ने कभी...सचिन तेंदुलकर की वो ख्वाहिश जिसे BCCI ने की पूरी, 12 साल बाद मास्टर-ब्लास्टर ने खोला राज

Sachin Tendulkar Retirement Match: महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने 16 नवंबर 2013 को इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया था. उन्होंने अपने 24 साल लंबे इंटरनेशनल क्रिकेट करियर का अंत किया था. तेंदुलकर ने अपना आखिरी मैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था.

मेरी मां ने कभी...सचिन तेंदुलकर की वो ख्वाहिश जिसे BCCI ने की पूरी, 12 साल बाद मास्टर-ब्लास्टर ने खोला राज

Sachin Tendulkar Retirement Match: महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने 16 नवंबर 2013 को इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया था. उन्होंने अपने 24 साल लंबे इंटरनेशनल क्रिकेट करियर का अंत किया था. तेंदुलकर ने अपना आखिरी मैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था. महेंद्र सिंह धोनी टीम के कप्तान थे और उन्होंने 74 रन बनाए थे. भारत यह मैच एक पारी और 126 रन से अपने नाम करने में सफल हुआ था.

बीसीसीआई ने मानी सचिन की बात

रविवार को वानखेड़े स्टेडियम की 50वीं वर्षगांठ के जश्न के दौरान सचिन ने खुलासा किया कि उनकी विदाई सीरीज की घोषणा से पहले उन्होंने तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन से एक विशेष अनुरोध किया था. सचिन ने उनसे कहा था कि उनका आखिरी मैच मुंबई में ही रखा जाए ताकि उनकी मां स्टेडियम में आ सकें और उन्हें पहली और आखिरी बार खेलते हुए देख सकें.

सचिन ने किया खुलासा

सचिन ने कहा, ''सीरीज की घोषणा से पहले मैंने बीसीसीआई के अध्यक्ष श्रीनिवासन से संपर्क किया और एक अनुरोध किया. मैंने कहा- एक खास वजह से आखिरी मैच मैं चाहता हूं कि वह मैच मुंबई में हो. इतने साल में क्रिकेट खेला, भारत के लिए 24 साल और उससे पहले 5-6 साल, यानी करीब 30 साल. मेरी मां ने मुझे 30 सालों में कभी खेलते नहीं देखा था और उस समय मेरी मां की तबीयत ऐसी थी कि वह यात्रा करने में सक्षम नहीं थीं. वह वानखेड़े स्टेडियम के अलावा किसी और जगह कभी नहीं जा पातीं. इसलिए मैंने एक अनुरोध किया कि मेरी आखिरी इच्छा है कि मेरी मां यहां (वानखेड़े स्टेडियम) बैठें और मुझे एक बार देखें कि 24 साल में घर छोड़ कर क्यों जा रहा था. कम से कम मेरी इच्छा तो पूरी होनी चाहिए और बहुत विनम्रता से बीसीसीआई ने इसे स्वीकार कर लिया और मैच यहीं रखा.''

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बल्लेबाजी से पहले सचिन की आंखों में थे आंसू

टेस्ट और वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले इस खिलाड़ी के अनुसार, 2013 में 14 से 16 नवंबर तक वानखेड़े स्टेडियम में भारत-वेस्टइंडीज टेस्ट उनके लिए बहुत भावुक था. उन्होंने कहा, ''वह मैच वास्तव में मेरे लिए बहुत ही भावुक पल था क्योंकि इतने सालों के बाद मुझे पता था कि यह मेरे जीवन का आखिरी मौका है. ऐसा फिर कभी नहीं होने वाला, लेकिन पहले दिन जब शाम को मेरी बल्लेबाजी आई, मुझे अभी भी याद है, आप जानते हैं, उन सभी भावनाओं से लड़ते हुए मैं बल्लेबाजी करने के लिए उतरा था. वेस्टइंडीज की टीम ने भी बहुत सम्मान दिया. सभी दर्शकों ने बहुत अच्छा स्वागत किया. इसलिए ये सभी भावनात्मक पल मेरे लिए थे. मेरी आंखें थोड़ी नम थीं. मेरी आंखों में थोड़ा पानी था, लेकिन मुझे ध्यान केंद्रित करना था और सबसे बढ़कर बल्लेबाजी करनी थी.''

 

 

मजेदार पल का किया खुलासा

51 वर्षीय क्रिकेटर ने अपने विदाई टेस्ट से एक मजेदार पल का भी खुलासा किया. उन्होंने कहा, ''आखिरी ओवर से ठीक पहले मैंने वहां मेगा स्क्रीन पर अपनी मां का क्लोज-अप देखा. मेरी मां को यह एहसास नहीं हुआ कि उन्हें मेगा स्क्रीन पर दिखाया जा रहा है. जब उन्होंने आखिरी ओवर से पहले मेगा स्क्रीन और उस प्रतिक्रिया को देखा, तो मुझे लगा कि ये सब चीजें जरूरी हैं. आखिरी छह गेंदें फिर वे अंजलि और बच्चों, मेरे सभी परिवार के सदस्यों के पास चली गईं. तब मुझे संदेह हुआ कि जो निर्देशक अंदर था, जो कैमरामैन को गाइड कर रहा था, क्या उसके पास वेस्टइंडीज का पासपोर्ट है? क्योंकि वह वेस्टइंडीज टीम के पक्ष में काम कर रहा था. वह मेरी भावनाओं के साथ खेल रहा था। मैं बचने की कोशिश कर रहा था.''

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गूंजता रहेगा सचिन-सचिन

सचिन ने आगे कहा, ''फिर मैच खत्म होने के बाद मैंने बात की और जब खिलाड़ियों ने मुझे अपने कंधों पर उठाया, तो यह अवास्तविक था. ये सभी चीजें आप जानते हैं कोई भी योजना नहीं बना सकता. यह ऊपर से लिखा गया है. कहानी ऊपर से लिखी गई है और इसके लिए जिस तरह से आपने मुझे प्यार दिया और वह अनुभव मेरे लिए खास था. यह आखिरी सांस तक मेरे साथ रहेगा. यह वैसा ही है जैसा मैंने कहा, जब तक मैं सांस लेता रहूंगा, तब तक (सचिन सचिन) गूंजता रहेगा.''

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