ओमेगा सेंटॉरी के केंद्र में एक ब्लैक होल है या बहुत सारे? नई खोज से 20 साल पुराना रहस्य और गहराया
Advertisement
trendingNow12554211

ओमेगा सेंटॉरी के केंद्र में एक ब्लैक होल है या बहुत सारे? नई खोज से 20 साल पुराना रहस्य और गहराया

Omega Centauri Black Hole: एक नई स्टडी में, वैज्ञानिकों ने संभावना जताई है कि ओमेगा सेंटॉरी के तारों की तेज रफ्तार के पीछे तारकीय द्रव्यमान वाले ब्लैक होल्स का समूह या अब तक नहीं देखा गया 'मध्यवर्ती द्रव्यमान' ब्लैक होल हो सकता है.

ओमेगा सेंटॉरी के केंद्र में एक ब्लैक होल है या बहुत सारे? नई खोज से 20 साल पुराना रहस्य और गहराया

Science News in Hindi: वैज्ञानिकों की नई खोज ने ओमेगा सेंटॉरी से जुड़ी दो दशक पुरानी बहस को फिर छेड़ दिया है. ओमेगा सेंटॉरी, हमारी आकाशगंगा Milky Way का सबसे बड़ा तारा स‍मूह है. इसके केंद्र में क्या है, उसका रहस्य आज तक बरकरार है. दरअसल, ओमेगा सेंटॉरी के केंद्र के आसपास वाले तारे उम्मीद से कहीं ज्यादा तेज गति से चलते हैं. वैज्ञानिकों यह पता लगाने की कोशिश करते रहे हैं कि ऐसा तारकीय द्रव्यमान वाले ब्लैक होल्स के झुंड की वजह से हो रहा है या अभी तक नहीं मिले 'इंटरमीडिएट द्रव्यमान' वाले ब्लैक होल (IMBH) के चलते.

Astronomy & Astrophysics जर्नल में छपी नई स्टडी में, एस्ट्रोनॉमर्स ने ओमेगा सेंटॉरी के केंद्र में गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र की ताकत का मॉडल बनाने के लिए पल्सर से मिले नए डेटा का इस्तेमाल किया है. पल्सर, तेजी से घूमने वाले न्यूट्रॉन तारे हैं जो अपने ध्रुवों से ध्रुवीकृत प्रकाश की किरणें उत्सर्जित करते हैं. उन्होंने यह निष्‍कर्ष निकाला कि सबसे संभावित कारण तारकीय द्रव्यमान वाले ब्लैक होल का एक समूह है.

यह भी पढ़ें: एक भयानक हमले से अंडाकार हो गईं सौरमंडल के सभी ग्रहों की कक्षाएं, नई स्टडी में दावा

वो ब्लैक होल जो अब तक नहीं मिले!

नई स्टडी के मुख्‍य लेखक आंद्रेस बानेरस हर्नांडेज हैं जो स्पेन के इंस्टीट्यूटो डी एस्ट्रोफिसिका डी कैनारियास (IAC) से हैं. उन्होंने कहा कि हम लंबे समय से आकाशगंगा के केंद्रों में सुपरमैसिव ब्लैक होल्स और अपनी आकाशगंगा के भीतर छोटे तारकीय द्रव्यमान वाले ब्लैक होल्स के बारे में जानते हैं. हालांकि, मध्यम द्रव्यमान वाले ब्लैक होल का विचार, जो इन चरम सीमाओं के बीच की खाई को पाट सकता है, के सबूत अभी तक नहीं मिले हैं.

गजब खोज! धीरे-धीरे काल के गाल में समाता जा रहा यह ग्रह, पीछे निकल आई साढ़े 5 लाख KM लंबी पूंछ

ब्लैक होल के निर्माण की गायब कड़ी

तारकीय द्रव्यमान वाले ब्लैक होल बड़े तारों की मौत होने पर बनते हैं. इनका द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान से कुछ ही गुना होता है. जबकि सुपरमैसिव ब्लैक होल सूर्य के द्रव्यमान से लाखों से लेकर अरबों गुना तक बड़े हो सकते हैं. वैज्ञानिकों को यह नहीं पता कि सुपरमैसिव ब्लैक होल कैसे बनते हैं या फिर क्या उनकी शुरुआत भी तारकीय द्रव्यमान वाले ब्लैक होल की तरह होती है. अगर IMBHs की खोज होती है तो यह कड़ी जुड़ सकती है.

विज्ञान के क्षेत्र की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें Latest Science News In Hindi और पाएं Breaking News in Hindi देश-दुनिया की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

Trending news