Top medicines: ऐसी 5 मेडिसिन जिनकी खोज ने बदल डाली दुनिया, लेकिन साथ लेकर आईं गंभीर नुकसान
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Top medicines: ऐसी 5 मेडिसिन जिनकी खोज ने बदल डाली दुनिया, लेकिन साथ लेकर आईं गंभीर नुकसान

Front line drugs: इन दवाओं के कुछ चमात्कारिक फायदे हैं लेकिन इसके साथ ही ये दवाएं अपने संग कुछ नुकसान लेकर भी आई हैं जिनके बारे में हमें ध्यान देने की जरूरत है. वैसे इस बात को भी हमेशा याद रखने की जरूरत है कि आज की चमत्कारी दवा कल की समस्या पैदा करने वाली दवा भी सकती है.

Top medicines: ऐसी 5 मेडिसिन जिनकी खोज ने बदल डाली दुनिया, लेकिन साथ लेकर आईं गंभीर नुकसान

Revolutionary medicines in the world: वैश्विक इतिहास पर किसी एक दवा के असर को मापना मुश्किल है, लेकिन ऐसी पांच दवाएं हैं जिनके बारे में हम साफ तौर से कह सकते हैं कि इनकी वजह से हमारे जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आया है, अक्सर उन तरीकों से जिनकी हमने उम्मीद नहीं की थी. इस बात में दो राय नहीं कि इन दवाओं के कुछ चमात्कारिक फायदे हैं लेकिन इसके साथ ही ये दवाएं अपने संग कुछ नुकसान लेकर भी आई हैं जिनके बारे में हमें ध्यान देने की जरूरत है. वैसे इस बात को भी हमेशा याद रखने की जरूरत है कि आज की चमत्कारी दवा कल की समस्या पैदा करने वाली दवा भी सकती है.

द कन्वरसेशन में ऑस्ट्रेलिया की मेलबर्न यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर फिलिप मार्टर ने इन पांच दवाओं के बारे में विस्तार से बात की है. इन दवाओं में एनेस्थिसिया, पेनिसिलिन, नाइट्रोग्लिसरीन, डायजेपाम और गर्भनिरोधक गोली शामिल है. इन दवाओं के बारे में डिटेल में जानते हैं. 

1. एनेस्थिसिया (Anaesthesia)

1700 के दशक के आखिर में अंग्रेजी केमिस्ट जोसेफ प्रीस्टली ने एक गैस बनाई जिसे उन्होंने फ्लॉजिस्टिकेटेड नाइट्रस एयर (नाइट्रस ऑक्साइड) कहा. अंग्रेजी केमिस्ट हम्फ्री डेवी ने सोचा कि इसे सर्जरी में पेन किलर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. साल 1834 में हम एक और मील के पत्थर तक पहुंचे जब फ्रांसीसी केमिस्ट जीन-बैप्टिस्ट डुमास ने एक नई गैस को क्लोरोफॉर्म का नाम दिया. स्कॉटिश डॉक्टर जेम्स यंग सिम्पसन ने 1847 में प्रेग्नेंसी में मदद के लिए इसका इस्तेमाल किया था. जल्द ही सर्जरी के दौरान एनेस्थिसिया का ज्यादा बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया, जिससे बेहतर रिकवरी रेट हासिल हुई. एनेस्थिसिया से पहले, सर्जिकल रोगी अक्सर दर्द के सदमे से मर जाते थे. लेकिन कोई भी दवा जो लोगों को बेहोश कर सकती है, नुकसान भी पहुंचा सकती है. नर्वस सिस्टम को डिएक्टिव करने के जोखिमों की वजह से मॉर्डन एनेस्थेटिक्स अब भी खतरनाक है.

2. पेनिसिलिन (Penicillin)

साल 1928 में स्कॉटिश डॉक्टर अलेक्जेंडर फ्लेमिंग के साथ जो हुआ वह आकस्मिक दवा की खोज की क्लासिक कहानियों में से एक है. फ्लेमिंग अपनी प्रयोगशाला में बैक्टीरिया स्ट्रेप्टोकोकस के कुछ कल्चर को छोड़कर छुट्टी पर चले गए. जब वह वापस आए तो उन्होंने देखा कि कुछ एयर बॉर्न  पेनिसिलियम ने स्ट्रेप्टोकोकस को बढ़ने से रोक दिया था. ऑस्ट्रेलियाई रोगविज्ञानी हॉवर्ड फ्लोरे और उनकी टीम ने पेनिसिलिन को स्थिर किया और पहला ह्यूमन टेस्ट किया. अमेरिकी फंडिंग के साथ, पेनिसिलिन का बड़े पैमाने पर प्रो़क्शन किया गया, जिसने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान प्रभावी काम किया और इसका उपयोग हजारों सेवा कर्मियों के इलाज के लिए हुआ था. पेनिसिलिन और उसके बाद की इससे जुड़ी दवाएं उन स्थितियों के लिए अत्यधिक सफल दवाएं हैं जो कभी लाखों लोगों की जान लेती थीं. हालांकि, उनके इस्तेमाल ने बैक्टीरिया के दवा प्रतिरोधी स्ट्रेन को जन्म दिया है.

3. नाइट्रोग्लिसरीन (Nitroglycerin)

साल 1847 में नाइट्रोग्लिसरीन का आविष्कार किया गया था. यह एनजाइना, हार्ट डिजीज से जुड़े सीने में दर्द का इलाज करने वाली पहली आधुनिक दवा भी थी. इसके संपर्क में आने वाले कारखाने के कर्मचारियों को सिरदर्द और चेहरे पर लाली का अनुभव होने लगा. ऐसा इसलिए था क्योंकि नाइट्रोग्लिसरीन एक वैसोडिलेटर है और यह ब्लड वेसल्स को फैलाता है. लंदन के डॉक्टर विलियम मुरेल ने खुद पर नाइट्रोग्लिसरीन का प्रयोग किया और अपने एनजाइना मरीजों पर इसे आजमाया. इससे उन्हें लगभग फायदा पहुंचा. नाइट्रोग्लिसरीन ने एनजाइना वाले लाखों लोगों के लिए अपेक्षाकृत सामान्य जीवन जीना संभव बना दिया. इसने बल्ड प्रेशर कम करने वाली दवाओं, बीटा-ब्लॉकर्स और स्टैटिन जैसी दवाओं के लिए भी रास्ता बनाया. इन दवाओं ने जीवन बढ़ाया है और पश्चिमी देशों में औसत जीवनकाल को भी बढ़ाया है. लेकिन अब लोगों का जीवन लंबा हो गया है, इसलिए अब कैंसर और अन्य गैर-संचारी रोगों से होने वाली मौतों की दर ज्यादा है तो नाइट्रोग्लिसरीन अप्रत्याशित तरीकों से दुनिया को बदलने वाली दवा बन गई.

4. गर्भनिरोधक गोली (Pill)

साल 1951 में अमेरिकी बर्थ कंट्रोल एडवोकेट मार्गरेट सेंगर ने रिसर्चर ग्रेगरी पिंकस को एक प्रभावी हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिव विकसित करने के लिए कहा.पिंकस ने पाया कि प्रोजेस्टेरोन ने ओव्यूलेशन को रोकने में मदद की और एक टेस्ट पिल विकसित करने के लिए इसका इस्तेमाल किया. महिलाओं पर क्लिनिकल टेस्ट किए गए, खास तौर पर प्यूर्टो रिको में, जहां परीक्षण और दुष्प्रभावों को लेकर चिंताएं थीं. नई दवा को जी डी सर्ले एंड कंपनी ने 1960 में अमेरिकी फूड एंड ड्रग प्रशासन की मंजूरी के साथ जारी किया गया था. ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का इस्तेमाल और साइड इफेक्ट्स के बीच एक कड़ी को साबित करने में दस साल लग गए.

साल 1970 की अमेरिकी सरकार की जांच के बाद, गोली के हार्मोन का लेवल नाटकीय रूप से कम हो गया था. एक अन्य परिणाम पेशेंट इन्फो मैसेज था जो अब आप सभी नुस्खे वाली दवा के पैकेट के अंदर देखते होंगे.गोली ने छोटे परिवारों के साथ बड़े वैश्विक जनसांख्यिकीय परिवर्तन किए और महिलाओं के वर्क फोर्स में फिर से एंट्री करने से आय में वृद्धि हुई. हालांकि, यह सवाल अभी भी खड़ा है कि चिकित्सा पेशे ने महिलाओं के शरीर पर इसे कैसे इस्तेमाल किया.

5. डायजेपाम (Diazepam)

पोलिश-अमेरिकी केमिस्ट लियो स्टर्नबैक और उनके रिसर्च ग्रुप ने 1959 में लिब्रियम को रासायनिक रूप से बदल दिया, जिससे एक अधिक शक्तिशाली दवा का उत्पादन हुआ. यह डायजेपाम था. इस तरह की सस्ती, आसानी से उपलब्ध दवाओं का बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा. 1969 से 1982 तक, वैलियम अमेरिका में सबसे ज्यादा बिकने वाली दवा थी. इन दवाओं ने दवा के साथ तनाव और चिंता को मैनेज करने का कल्चर तैयार किया. वैलियम ने आधुनिक एंटीडिप्रसेंट्स की राह दिखाई. इन नई दवाओं का ज्यादा मात्रा में सेवन करना  कठिन लेकिन नामुमकिन नहीं था साथ ही इनके साइड इफेक्ट कम थे. 

(इनपुट: एजेंसी)

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