Solar Flare And NASA: सूर्य के आसपास अक्सर सौर ज्वालाएं देखने को मिलती हैं लेकिन वैज्ञानिकों ने हाल ही में जो घटना देखी है उससे लोगों को चिंता सता रही है. बता दें कि धरती पर संचार को यह सौर ज्वालाएं काफी हद तक प्रभावित करती हैं. ऐसी ही एक आग की ज्वाला ने रिसर्चर्स को हैरान कर दिया है.
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Sun broke off: खगोलविदों की हमेशा से सूर्य को समझने में दिलचस्पी रही है. रिसर्चर्स अब तक सूर्य के बारे में कई जानकारियां जुटा चुके हैं और कई रहस्यों से पर्दा उठना अभी भी बाकी है. इन दिनों सूर्य में हुई एक हलचल ने वैज्ञानिकों को चकित कर दिया है. रिसर्चर्स की मानें तो सूर्य का एक बड़ा हिस्सा अपनी सतह से टूट गया और उत्तरी ध्रुव के चारों ओर बवंडर जैसा भंवर बना लिया.
हालांकि वैज्ञानिक यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि यह कैसे हुआ, इस घटनाक्रम के वीडियो ने स्पेस साइंस से नाता रखने वालों को हैरान कर दिया है. गौरतलब है कि यह घटना नासा के जेम्स वेब टेलीस्कोप द्वारा पकड़ी गई और पिछले सप्ताह अंतरिक्ष मौसम भविष्यवक्ता डॉ तमिता स्कोव द्वारा ट्विटर पर साझा की गई थी.
सूर्य के आसपास अक्सर सौर ज्वालाएं देखने को मिलती हैं लेकिन वैज्ञानिकों ने हाल ही में जो घटना देखी है उससे लोगों को चिंता सता रही है. बता दें कि धरती पर संचार को यह सौर ज्वालाएं काफी हद तक प्रभावित करती हैं. हालांकि इसके टूटने के बाद धरती पर इसका क्या असर पड़ेगा यह जानने के लिए वैज्ञानिक बेहद चिंतित हैं.
Talk about Polar Vortex! Material from a northern prominence just broke away from the main filament & is now circulating in a massive polar vortex around the north pole of our Star. Implications for understanding the Sun's atmospheric dynamics above 55° here cannot be overstated! pic.twitter.com/1SKhunaXvP
— Dr. Tamitha Skov (@TamithaSkov) February 2, 2023
सूर्य का जो हिस्सा टूटकर अलग हुआ वह विशाल भंवर की तरह नजर आने लगा है. आपको बता दें कि सूर्य के सतह पर अक्सर आग की लपटें उठती हैं जिसे सौर ज्वाला कहते हैं. ये आग की लपटें काफी दूर तक जाती हैं. डॉ स्कोव ने बाद के एक ट्वीट में कहा कि Solar Polar Vortex पर रिसर्च से पता चलता है कि इसे लगभग 60 डिग्री अक्षांश पर ध्रुव को परिचालित होने में लगभग 8 घंटे लगे थे यानी इस घटना में क्षैतिज हवा की गति की अधिकतर सीमा 96 किलोमीटर प्रति सेकंड हो सकती है. यूएस नेशनल सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक रिसर्च के सौर भौतिक विज्ञानी स्कॉट मैकिन्टोश, जो दशकों से सूर्य का अवलोकन कर रहे हैं, उन्होंने स्पेस डॉट कॉम को बताया कि उन्होंने कभी ऐसा 'भंवर' नहीं देखा था.
अंतरिक्ष वैज्ञानिक अब इसके बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा करने लगे हुए हैं और एक स्पष्ट तस्वीर पेश करने के लिए विश्लेषण कर रहे हैं. हालांकि हमारे सूर्य पर चौबीसों घंटे नजर रखी जाती है लेकिन यह इस महीने कई शक्तिशाली फ्लेयर्स की तरह आश्चर्यचकित करता है, जिसने पृथ्वी पर संचार को बाधित कर दिया है.
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