James Webb Space Telescope: जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) ने सिर्फ एक लाख साल पुराने तारे को देखा है. यह तारा एक प्रोटोस्टार है और हमारे सूर्य से काफी अलग है.
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जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) ने युवा प्रोटोस्टार की झलक दिखाई है. L1527 नाम का यह तारा सिर्फ 1,00,000 साल पुराना है. यह अब भी उस आणविक बादल से घिरा है, जिससे इसका निर्माण हुआ. JWST को खास इसी काम के लिए बनाया गया था. यह टेलीस्कोप धूल और गैस के बीच में झांककर देख लेता है. जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने हमें तारों के बनने की शुरुआती प्रक्रिया से रूबरू कराया है.
L1527 एक प्रोटोस्टार है. प्रोटोस्टार उन नौजवान तारों को कहते हैं जो अपने आणविक बादल के आंचल में सिमटे रहते हैं. यह किसी तारे के विकास की सबसे शुरुआती प्रक्रिया है. हमारे सूर्य से कम द्रव्यमान वाले तारों में यह प्रक्रिया करीब 5 लाख साल तक चलती है. सूर्य एक मेन सीक्वेंस तारा है यानी उसके भीतर हाइड्रोजन का हीलियम में फ्यूजन हो रहा है. तारे आमतौर पर अपनी जिंदगी का 90% हिस्सा इस स्टेज में गुजारते हैं. हमारे सूर्य का मेन-सीक्वेंस 10,000 मिलियन साल का है.
छोटा सा है लेकिन अभी से सक्रिय
चूंकि L1527 अभी काफी युवा है, इसलिए उसे लंबे समय तक गैस के साये में रहना होगा. फिर यह प्री-मेन-सीक्वेंस स्टार में बदलेगा और उसके बाद सिकुड़कर मेन-सीक्वेंस स्टार बन जाएगा. तब यह भी हाइड्रोजन का फ्यूजन शुरू कर हीलियम उत्पन्न करेगा. JWST ने जो तस्वीर ली है, उसमें यह प्रोटोस्टार बड़ा होता नजर आ रहा है. यह अपने आणविक बादल से पदार्थ के जेट्स छोड़ रहा है.
अभी तारे का गुरुत्वाकर्षण पदार्थ को करीब खींचता है, उससे पदार्थ कंप्रेस होता है और गर्म भी. पास आ रहा मैटेरियल जब गैस से टकराता है तो शॉकवेव्स निकलती हैं जिससे और ऊर्जा आती है. इसी ऊर्जा की वजह से ही तारा चमकता है. जैसे-जैसे युवा प्रोटोस्टार द्रव्यमान जमा करते हैं, वे कई शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र बनाते चले जाते हैं. इन चुंबकीय क्षेत्रों की वजह से पदार्थ तारे से दूर जाता है.
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यानी, जैसे-जैसे प्रोटोस्टार द्रव्यमान जमा करते हैं, वे उसका कुछ हिस्सा अंतरिक्ष में वापस भी भेज देते हैं. JWST ने 2022 में भी L1527 का फोटो लिया था. तब नियर-इंफ्रारेड कैमरा (NIRCam) का इस्तेमाल किया गया था.