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Diya Rakhne Ki Sahi Disha: वास्तु शास्त्र में दिशाओं पर विशेष जोर दिया गया है. अगर किसी भी चीज के लिए सही दिशा का ध्यान नहीं रखा जाए, तो उसके विपरीत परिणाम सामने आते हैं. वास्तु शास्त्र में कई चीजे पॉजिटिव और निगेटिव एनर्जी देती हैं. ऐसा ही घर के मंदिर के लिए भी वास्तु में कुछ नियम बताए गए हैं. मंदिर में जलने वाला दीपक पॉजिटिविटी का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि घर में दीपक जलाने से निगेटिव ऊर्जा समाप्त होती है. लेकिन इसे लेकर भी कुछ नियम बताए गए हैं. इन बातों का पालन न करने पर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
कहां रखें घी और तेल का दीपक
वास्तु जानकारों का मानना है कि दीपक को कभी भी भगवान की मूर्ति के सामने न रखें. अगर आप घी का दीपक जला रहे हैं, तो इसे हमेशा अपनी बाईं तरफ रखना चाहिए. वहीं. तेल का दीपक अपनी दाईं ओर रखें.
बाती को लेकर भी रखें ध्यान
घी और तेल के दीपक के साथ उसकी बाती को लेकर भी कुछ नियमों के बारे में बताया गया है. दीपक जलाते समय ही बाती का इस्तेमाल करना भी जरूरी है. तेल का दीपक जलाते समय बाती लाल रंग के धागे से बनी होने चाहिए. वहीं, घी का दीपक जला रहे हैं तो रुई की बाती ही दीपक में इस्तेमाल करनी चाहिए.
इस दिशा में रखें दीपक
- वास्तु जानकारों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि दीपक कभी भी पश्चिम दिशा में नहीं जलाना चाहिए. अगर कोई ऐसा करता है तो उसे कंगाली का सामना करना पड़ सकता है. शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है. और घर धन-धान्य से भरपूर रहता है.
- वास्तु अनुसार दक्षिण दिशा में मां लक्ष्मी और यम का वास होता है. इसलिए दक्षिण दिशा में दीपक जलाने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और घर में पैसों की कमी नहीं होती.
- दक्षिण दिशा में दीपक जलाने से यमराज भी प्रसन्न होते हैं और असमय मृत्यु का भय नहीं रहता. हालांकि दीपक की लौ दक्षिण दिशा में नहीं होनी चाहिए.
- घर की उत्तर दिशा में दीपक जलाने से घर में गरीबी आती है.हालांकि दीपक की लौ को इस दिशा में किया जा सकता है.
- मान्यता है कि घर में सुबह-शाम दीपक जलाने से घर में सुख-शांति बनी रहती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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