Dwarka Expressway: भारत में सड़कों का विशाल नेटवर्क है.हाईवे, एक्सप्रेस की संख्या तेजी से बढ़ रही है. आज जिस एक्सप्रेसवे की बात कर रहे हैं, उसे बनाने में इंजीनियरों मे गजब का दिमाग लगाया है. देश के सबसे छोटे एक्सप्रेसवे की खूबियों ने एफिल टावर और बुर्ज खलीफा को भी पीछे छोड़ दिया है.
India Shortest Expressway Facts: भारत में सड़कों का विशाल नेटवर्क है.हाईवे, एक्सप्रेस की संख्या तेजी से बढ़ रही है. एक से बढ़कर एक खूबसूरत एक्सप्रेस वे हैं. कोई सबसे खूबसूरत है तो कोई सबसे लंबा. किसी एक्सप्रेसवे की चौड़ाई ज्यादा है तो किसी पर स्पीड लिमिट ज्यादा है. आज जिस एक्सप्रेस वे की बात कर रहे हैं वो देश का सबसे छोटा एक्सप्रेसवे है, लेकिन उसकी खासियत इतनी है कि उसने दुबई के बुर्ज खलीफा से लेकर पेरिस से एफिल टावर को पीछे छोड़ दिया है.
देश का पहला अर्बन एक्सप्रेसवे द्वारका दिल्ली-गुरुग्राम देश का सबसे छोटा एक्सप्रेसवे है. इतना ही नहीं यह देश का पहला एलीवेटेड एक्सप्रेसवे है, जो फ्लाईओवर की तरह ऊपर से सफर कराता है.
द्वारका एक्सप्रेसवे में इंजीनियरिंग के नायाब और अनूठे नमूने हैं. यह एक्सप्रेसवे सिंगल पिलर पर 8-8 लेन वाला एक्सप्रेसवे अपने आप में बेहतरीन इंजीनियरिंग का नमूना है.
इसका 23 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड है और 4 किलोमीटर का रास्ता भूमिगत यानी सुरंग में है. यानी इसमें गाड़ियां सिर्फ फ्लाईओवर और सुरंग के अंदर ही चलेंगी.
द्वारका एक्सप्रेस-वे की लंबाई केवल 29 किलोमीटर है. यह देश का सबसे छोटा एक्सप्रेस-वे है. इसका 18.9 किलोमीटर गुरुग्राम में, बाकी 10.1 किलोमीटर हिस्सा दिल्ली में है.
द्वारका एक्सप्रेसवे पर एक जगह ऐसा भी है, जहां यह चार मंजिला हो जाता है. इस जगह पर नीचे अंडरपास है , जिसके ऊपर सर्विस लेन और उसके ऊपर फ्लाईओर और इसके ऊपर से द्वारका एक्सप्रेसवे गुजरता है. इस जगह का नाम मल्टीयूटिलिटी कॉरिडोर रखा गया है.यह हिस्सा गुरुग्राम के सेक्टर 82 के पास है
यह एक्सप्रेसवे इसलिए भी खास है, क्योंकि इस पर सबसे चौड़ा टोल बूथ बनाया गया है. आपको जानकर हैरानी होगी कि द्वारका एक्सप्रेस वे पर 34 टोल बूथ बनाए गए हैं, जो अब तक देश में सबसे ज्यादा है. जी हां 16 लेन वाले एक एक्सप्रेस वे पर 34 टोल बूथ.
इस एक्सप्रेस पर एक तरफ के लिए कार, जीप और वैन का टोल टैक्स 105 रुपए और दोनों तरफ के लिए 155 रुपए है, बस और ट्रेकों के लिए एक तरफ का 355 रुपये तो दोनों तरफ का 535 रुपये है.
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में दो लाख एमटी स्टील का इस्तेमाल हुआ है, जो एफिल टावर के निर्माण की तुलना में 30 गुना अधिक है. वहीं इसे बनाने में 20 लाख सीयूएम कंक्रीट का इस्तेमाल किया जाएगा, जो बुर्ज खलीफा की तुलना में छह गुना अधिक है.
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