Chaturmas Upay: चातुर्मास में अनंत फल प्राप्ति के लिए करें ये कार्य, जुलाई में करेंगे भगवान श्री हरि शयन
Advertisement
trendingNow11230483

Chaturmas Upay: चातुर्मास में अनंत फल प्राप्ति के लिए करें ये कार्य, जुलाई में करेंगे भगवान श्री हरि शयन

Chaturmas 2022 Date: भगवान जिस दिन शयन को जाते हुए उसे देवशयनी एकादशी कहा जाता है और यह तिथि आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की  एकादशी के दिन पड़ती है, इस तरह इस बार यह तिथि  10 जुलाई 2022 को होगी.  

 

फाइल फोटो

Chaturmas Remedies: भगवान विष्णु यानी श्री हरि चार मास के शयन पर जुलाई मास में जाने वाले हैं, चार माह तक सोने के बाद भगवान देवोत्थान एकादशी के दिन जागते हैं. माना जाता है भगवान सो रहे हैं तो इस अवधि में सामान्य पूजा पाठ ही किया जा सकता है बाकी जब प्रभु सो रहे हैं तो कोई अन्य विशेष आयोजन नहीं करने चाहिए. भगवान जिस दिन शयन को जाते हुए उसे देवशयनी एकादशी कहा जाता है और यह तिथि आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की  एकादशी के दिन पड़ती है, इस तरह इस बार यह तिथि  10 जुलाई 2022 को होगी.  

चातुर्मास प्रारम्भ, मिलेगा पूजा का ज्यादा फल

भगवान श्री हरि चार माह तक शयन करते हैं इसलिए इस अवधि को चातुर्मास कहा जाता है. इस दौरान पूजा पाठ करने का ज्यादा फल मिलता है. माना जाता है कि इस चातुर्मास में नियमों का पालन करने वाले को अनंत फल की प्राप्ति होती है. भगवान विष्णु की संतुष्टि के लिए नित नियम, जप, होम, स्वाध्याय तथा व्रत आदि किया जाता है. 

 

ये भी पढ़ें- Feng Shui Cow: कामना पूर्ति के लिए घर में रख लें ये मुद्रा वाली फेंगशुई गाय, खुद ही दिखने लगेंगे चमत्कार
 

इस दौरान नहीं होंगे कोई मांगलिक कार्य

पंचाग के अनुसार आषाढ़ मास  शुक्ल पक्ष की एकादशी से चातुर्मास का प्रारंभ होगा जो अंग्रेजी तारीख के अनुसार 10 जुलाई 2022 को पड़ रही है. इस तिथि से भगवान विष्णु निद्रा के लिए चले जाते हैं इसीलिए इस एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है. इस दिन से शुरू होने वाला चातुर्मास कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में देवोत्थान एकादशी के दिन होगा जो 4 नवंबर 2022 को होगा. इस दिन देव सोकर उठते हैं इसीलिए इसे देव उठनी एकादशी भी कहा जाता है. कुछ स्थानों पर इसे प्रबोधिनी एकादशी के रूप में भी जाना जाता है. इस तरह चार महीने की इस अवधि में विवाह, तिलक, गौना, मुंडन, गृह प्रवेश आदि सभी प्रकार के मांगलिक कार्य  स्थगित रहते हैं. देवोत्थान एकादशी के बाद से फिर से शहनाई गूंजने लगती हैं. 

 

ये भी पढ़ें- Ashadha Amavasya 2022: तरक्की में आ रही हैं रुकावटें तो ये दोष हो सकता है कारण, अमावस्या पर कर लें ये उपाय

इस अवधि में कैसे करें व्रत उपासना  

विद्वानों के अनुसार चार माह की इस अवधि में श्री विष्णु का ध्यान कर व्रत उपवास पूजा-अर्चना आदि करना चाहिए. प्रतिदिन प्रातः काल स्नान करके जो भगवान विष्णु के समक्ष खड़ा होकर 'पुरुषसूक्त' का जप करता है, उसकी बुद्धि बढ़ती है. जो अपने हाथ में फल लेकर मौन भाव से भगवान विष्णु की एक सौ आठ परिक्रमा करता है, वह कभी भी पाप में लिप्त नहीं होता है. इस अवधि में जो व्यक्ति रोज वेदों का पाठ कर भगवान विष्णु की आराधना करता है, वह विद्वान होता है. यदि चार महीनों तक नियम का पालन करना संभव न हो तो मात्र कार्तिक मास में ही सब नियमों का पालन करना चाहिए. चार माह में उपयोगी वस्तुएं त्याग ने का व्रत लेने वाले उन वस्तुओं को ब्राह्मण को दान करें तो त्याग सफल होता है. 

माना जाता है कि जो मनुष्य भगवान विष्णु के उद्देश्य से केवल शाकाहार करके वर्षा के चार महीने व्यतीत करता है, वह धनी होता है, जो इस अवधि में प्रतिदिन नक्षत्रों का दर्शन करके केवल एक बार ही भोजन करता है, वह धनवान और रूपवान होता है तथा जो एक दिन का अंतर देकर भोजन करते हुए चौमासा व्यतीत करता है, वह सदा वैकुंठ धाम में निवास करता है. 

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

 

 

Trending news