Chaitra Navratri 2023: जब क्रोधित शुंभ ने मां पर किया हमला, देवी अंबिका ने ऐसे किया उसका वध
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Chaitra Navratri 2023: जब क्रोधित शुंभ ने मां पर किया हमला, देवी अंबिका ने ऐसे किया उसका वध

Chaitra Navratri: जब ब्रह्माणी आदि सभी देवियां मां अंबिका के शरीर में विलीन हो गईं, तो दैत्य शुंभ के सामने केवल अंबिका देवी ही बचीं. फिर वह बोलीं, मैं अपनी शक्ति के आधार पर ही यहां कई रूपों में उपस्थित थी. अब मैं तुम्हारे सामने युद्ध के लिए उपस्थित हूं.

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Maa Chamunda: अपने भाई निशुंभ का वध होते ही दैत्यराज शुंभ भयंकर क्रोधित हुआ और देवी अंबिका को ललकारते हुए अपमानजनक शब्दों से संबोधित करते हुए कहा कि तू अपने को बहुत बहादुर बता रही है. जबकि, तू दूसरी महिलाओं का सहारा लेकर लड़ रही है. इस पर देवी ने साफ किया कि मैं अकेली ही तेरी विशाल सेना से लड़ रही हूं. इस संसार में मेरा सिवा दूसरा कोई नहीं है. देख, जिन्हें तू दूसरी महिलाएं समझ रहा है, वह सब मेरा ही स्वरूप हैं और इसलिए अब मुझमें ही प्रवेश कर रही हैं. 

इसके साथ ही ब्रह्माणी आदि सभी देवियां मां अंबिका के शरीर में विलीन हो गईं. अब उसके सामने केवल अंबिका देवी ही बचीं. फिर वह बोलीं, मैं अपनी शक्ति के आधार पर ही यहां कई रूपों में उपस्थित थी. अब मैं तुम्हारे सामने युद्ध के लिए उपस्थित हूं. 

देखते ही देखते मां अंबिका और दैत्य शुंभ के बीच भयंकर युद्ध छिड़ गया. दोनों तरफ से एक एक तीखे अस्त्र छोड़े गए, जिन्हें उन्होंने काट डाला. इसके बाद शुंभ ने सैकड़ों बाण छोड़कर देवी अंबिका को चारों तरफ से घेर दिया. इस पर क्रोध में भरकर देवी ने उसके धनुष को ही काट दिया. दैत्य ने एक शक्ति हाथ में ली तो देवी चक्र छोड़कर उसे उसके हाथ में ही काट दिया. इसके बाद देवी ने उस दैत्य के घोड़े और सारथी मार डाले. अब उसके पास कोई शस्त्र ही नहीं बचा तो देवी को मारने के लिए मुगदर लेकर दौड़ा तो देवी ने उसे भी काट डाला. 

अब वह मुक्का मारने के लिए आगे बढ़ा तो देवी ने पहले ही एक जोरदार चांटा जड़कर जमीन पर गिरा दिया, लेकिन वह फुर्ती से खड़ा होकर देवी को लेकर आकाश में खड़ा हो गया. दोनों के बीच आकाश में ही युद्ध होने लगा, फिर अंबिका ने उस अपने हाथों से चारों ओर घुमाकर जमीन पर पटक दिया, वह फिर से उठने की कोशिश करने लगा, लेकिन देवी ने उसकी छाती में त्रिशूल गड़ाकर उसे गिरा दिया. त्रिशूल के वार से उसके प्राण निकल गए और उसका भीमकाय शरीर पृथ्वी पर गिर पड़ा. सब ओर देवी की जय-जयकार होने लगी.

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