Masik Shivratri 2025 Date: ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार, प्रत्येक माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. इस दिन भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखा जाता है. इस बार की शिवरात्रि काफी शुभ बताई जा रही है.
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When is Masik Shivratri January 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार शिवरात्रि तीन प्रकार की होती हैं. फरवरी में आने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहते हैं. जबकि सावन वाली को सावन की शिवरात्रि के नाम से पुकारा जाता है. इनके अलावा प्रत्येक माह भी कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भी शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. इसे मासिक शिवरात्रि कहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन जो जातक सच्ची आस्था के साथ भोलेनाथ को याद करता है और उनकी आराधना करते हुए दिन बिताता है. उसके सभी रोग-दोष दूर हो जाते हैं और इच्छित मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.
कब मनाई जाएगी मासिक शिवरात्रि 2025?
ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार माघ मास शुरू होने वाला है. इसके कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 27 जनवरी को रात 8.34 बजे शुरू होगी. जबकि इसका समापन 28 जनवरी को शाम 7.35 बजे होगा. इस प्रकार उदयातिथि के आधार पर मासिक शिवरात्रि 27 जनवरी को मनाई जाएगी. संयोग से सोमवार को महादेव की आराधना का विशेष दिन माना जाता है. लिहाजा उस दिन सोमवार पड़ने की वजह से भगवान शिव का जमकर आशीर्वाद बरसेगा.
मासिक शिवरात्रि जनवरी 2025 का शुभ मुहूर्त
इस मासिक शिवरात्रि के शुभ मुहूर्त की बात करें तो यह 27 जनवरी को देर रात 12.07 बजे से रात 1.00 बजे तक रहेगा. इस प्रकार आपको शिव पूजा के लिए 53 मिनट का शुभ मुहूर्त मिलेगा. धार्मिक विद्वानों के अनुसार, शिवरात्रि पर रात में शांत चित्त होकर भगवान शिव की आराधना की जाती है. साथ ही इस दौरान तंत्र-मंत्रो की सिद्धि भी की जाती है. शुभ मुहूर्त में पूजा अनुष्ठान करने से विशेष पुण्य लाभ मिलते हैं. हालांकि आप दिन में भी जब चाहे भगवान शिव की पूजा अर्चना कर सकते हैं.
3 शुभ संयोग में मासिक शिवरात्रि 2025
नए साल की इस पहली मासिक शिवरात्रि पर 3 शुभ योग भी बन रहे हैं. इस दिन सुबह से लेकर देर रात 1.57 बजे तक हर्षण योग रहेगा. इसके बाद वज्र योग का निर्माण होगा. फिर पूर्वाषाढा नक्षत्र बनेगा. आप इस दिन व्रत रखकर तिहरा पुण्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं. ज्योतिषियों के अनुसार मासिक शिवरात्रि पर पूरे दिन शिववास रहता है. हालांकि रात 8.34 बजे के बाद यह शिववास श्मशान में पहुंच जाएगा.
मासिक शिवरात्रि वाली रात को भद्रा भी लग रही है. यह भद्रा रात 8.34 बजे शुरू होकर अगले दिन सुबह 7.11 बजे तक रहेगी. लेकिन इस भद्रा का वास यानी केंद्र पाताल लोक रहेगा, इसलिए जातकों पर उसका विशेष असर नहीं पड़ेगा.
मासिक शिवरात्रि पर पूजन विधि
सनातन धर्म के विद्वानों के अनुसार, मासिक शिवरात्रि वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि करना चाहिए. इसके बाद कलश या लोटे में बेलपत्र, गंगाजल, गाय का दूध, भांग, मदार पुष्प, धतुरा, चंदन, शहद और फूल मिलाकर मंदिर जाएं और उस जल को शिवलिंग पर अर्पित करें. इसके बाद उन्हें माला पहनाएं. फिर वहीं बैठकर सच्चे मन से भगवान शिव का ध्यान लगाएं. रात के समय शांत होकर मासिक शिवरात्रि की व्रत कथा पढ़ें. इसके बाद अगले दिन अपना व्रत खोलें. ऐसा करने से जीवन के सारे कष्ट मिट जाते हैं और मनचाहे फलों की प्राप्ति होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)