Ek Mukhi Rudraksh Niyam: कौन धारण कर सकता है एक मुखी रुद्राक्ष? जान लें नियम और पहनने की विधि वरना हो सकता है बड़ा नुकसान
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Ek Mukhi Rudraksh Niyam: कौन धारण कर सकता है एक मुखी रुद्राक्ष? जान लें नियम और पहनने की विधि वरना हो सकता है बड़ा नुकसान

Ek Mukhi Rudraksha rules in Hindi: धार्मिक ग्रंथों में एक मुखी रुद्राक्ष की महिमा बताई गई है. इसका संबंध भगवान शिव से माना जाता है. अगर आप भी एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने की सोच रहे हैं तो आज इसे पहनने से जुड़े नियमों के बारे में जरूर जान लें.

Ek Mukhi Rudraksh Niyam: कौन धारण कर सकता है एक मुखी रुद्राक्ष? जान लें नियम और पहनने की विधि वरना हो सकता है बड़ा नुकसान

Ek Mukhi Rudraksh Dharan Karne Ke Niyam: सनातन धर्म में रुद्राक्ष को बहुत शुभ माना गया है. इससे बनी मालाएं न केवल एक धार्मिक आभूषण मानी जाती हैं बल्कि इसे धारण करने से कई अलौकिक शक्तियां और लाभ भी हासिल होते हैं. रुद्राक्ष का संबंध भगवान शिव से माना जाता है. कहते हैं कि जब मां सती ने अग्नि में कूदकर जान दे दे थी तो भगवान शिव उनके अधजले शव को लेकर बहुत  रोए थे. उनकी आंखों से निकले आंसू ही बाद में रुद्राक्ष के रूप में परिवर्तित हो गए. यही वजह है कि रुद्राक्ष से बनी मालाओं को बहुत शुभ और सकारात्मक ऊर्जा वाला माना जाता है. 

एकमुखी रुद्राक्ष माला पहनने के लाभ

रुद्राक्ष हिमालय के दुर्लभ पेड़ों पर रुद्राक्ष वृक्षों पर लगने वाले वे बीज हैं, जिनसे मालाओं का निर्माण होता है. इनके 14 प्रकार हैं और ये कई मुख वाले होते हैं. इनमें से एक मुखी रुद्राक्ष को सबसे दुर्लभ और शक्तिशाली माना गया है. धार्मिक विद्वानों के अनुसार, एक मुखी रुद्राक्ष की माला धारण करने से मन को असीमित शांति मिलती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. यह बुरी आदतों से बचाने में बहुत मदद करता है. आध्यात्मिक उन्नति, आत्मज्ञान और ध्यान योग करने के लिए एकमुखी रुद्राक्ष को बेहद प्रभावशाली माना जाता है. इसे धारण करने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है और मानसिक चिंताओं से मुक्ति मिलती है. 

कौन धारण कर कर सकता है एक मुखी रुद्राक्ष?

सनातन धर्म के विद्वानों के अनुसार, एकमुखी रुद्राक्ष को यूं तो कोई भी व्यक्ति धारण कर सकता है लेकिन इसे पहनने से पहले किसी ज्योतिष शास्त्री से परामर्श लेना आवश्यक होता है. ऐसा न करने पर जातक को नुकसान उठाना पड़ सकता है. खासकर उन लोगों के लिए तो यह बेहद आवश्यक हो जाता है, जिनकी कुंडली में शनि या चंद्र दोष होते हैं. ज्योतिष शास्त्री विभिन्न उपायों के जरिए वे ग्रह दोष दूर करके एक मुखी माला की पूजा करके उसे पहनने के लिए लाभकारी बनाते हैं. इसे धारण करते समय इस बात का ध्यान रखें कि काले रंग के धागे में इसे गलती से भी न पहनें बल्कि उसे लाल धागे के साथ पेंडेंट के रूप में पहनना चाहिए. इसे धारण करने से पहले रुद्राक्ष मूल मंत्र का 9 बार जाप भी अवश्य करना चाहिए.

एक मुखी रुद्राक्ष माला पहनने के क्या हैं नियम?

ज्योतिष आचार्यों के अनुसार, एक मुखी रुद्राक्ष को सावन महीने के सोमवार, अमावस्या, पूर्णिमा या फिर महाशिवरात्रि पर धारण करना अति शुभ माना जाता है. इसे गले में पहनने से पहले उसे गंगाजल या कच्चे दूध से शुद्ध करना चाहिए. इसके बाद पंचधातु अथवा सोने या चांदी की चेन में उसे बांधना चाहिए. माला को गले में पहनने से पहले 108 बार ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करना अनिवार्य होता है. एकमुखी रुद्राक्ष को धारण करने के बाद इस बात का ध्यान रखें कि वह कभी टूटे नहीं और यदि टूट भी जाए तो पूरे सम्मान के साथ उसे गंगाजल से शुद्ध कर फिर धारण कर लेना चाहिए. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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