World's Richest Village: गांव के बारे में हमेशा यही सोचा जाता है कि यहां रहने वाले लोग बहुत ही सामान्य जीवन जीते हैं. उतना ही कमा पाते हैं जितने में उनका गुजर बसर हो सके. यदि आपका भी यही मानना है तो गांव को लेकर आपका नजरिया हमेशा के लिए बदलने वाला है. क्योंकि आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने वाले हैं, जहां हर कोई करोड़ों में कमाता है.
दुनिया का एक गांव ऐसा है जिसे सबसे अमीर बताया जाता है. खास बात यह है कि यह गांव स्विट्जरलैंड या दुबई जैसे किसी देश में नहीं है. ये उपाधि भारत के ही एक गांव के पास है. जी हां, गुजरात राज्य के कच्छ जिले में स्थित माधापार गांव को दुनिया के सबसे अमीर गांवों में से एक माना जाता है.
माधापार की अमीरी का राज है यहां के लोगों की मेहनत और विदेशों में कामयाबी. इस गांव के अधिकांश निवासी विदेशों, खासकर यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा आदि देशों में रहकर काम करते हैं. विदेशों में कमाई करने के बाद भी वो अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं और कमाई का एक बड़ा हिस्सा गांव में ही भेजते हैं.
यहां करीब 7600 घरों में से अधिकांश एनआरआई भारतीयों के हैं. गांव में 17 बैंक हैं जिसमें यानी विदेशों में रहने वाले भारतीयों के जमा पूंजी का ही अधिकांश हिस्सा है. माना जाता है कि यहां ज्यादातर घरों में करोड़पति और औसतन सभी लखपति हैं.
इस गांव की संपन्नता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि यहां के ज्यादातर घर आलीशान हैं. गांव में बेहतरीन सड़कें, अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं और शैक्षणिक संस्थान भी हैं. यहां शॉपिंग मॉल के साथ 5 स्टार होटल भी हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लंदन में काम कर रहे यहां के लोगों ने 1968 में मधापार विलेज एसोसिएशन नाम के एक संगठन की स्थापना की थी, जिसका उद्देश्य विदेशों में गांव की छवि को बेहतर बनाना और लोगों को आपस में जोड़ना था. इसका ही परिणाम है कि आज हर कोई इस गांव का नाम जनता है.
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