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Jaisalmer News: जब कभी बच्चा रोता है तो उसकी मां दौड़ी-दौड़ी उसके पास आती है और उसे चुप कराने की कोशिश करती है. कहा जाता है कि मां से बेहतर कोई भी अपने बच्चे को नहीं पाल सकता, लेकिन कभी-कभी मजबूरी में बच्चों को मां के बगैर ही जीना पड़ता है. जी हां, राजस्थान के जैसलमेर से एक मामला सामने आया है, जिसमें एक हिरण की बच्ची अपनी मां से अलग हो गई और फिर उस असहाय बच्चे को पालने के लिए एक मुस्लिम परिवार सामने आया. स्थानीय लोगों के मुताबिक, हिरण की मां अपने बच्चे से तब बिछ़ड़ गई जब इलाके के कुत्तों ने उसे घेर लिया और मार डाला.
मुस्लिम परिवार ने मुस्कान को पांच साल संभाला
राजस्थान के जैसलमेर जिले में एक मुस्लिम परिवार हिरण के बच्चे को अपने घर में पिछले पांच साल से पाल-पोष रहा था, लेकिन खतरा भांपने के बाद उसने बच्चे को वन विभाग के हवाले कर दिया. दरअसल, पांच साल पहले जब हिरण की बच्ची अपने मां से अलग हुई तो उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था. एनबीटी की खबर के मुताबिक, लाठी क्षेत्र के केरालिया गांव में अनूठी मिसाल पेश करते हुए बच्ची का जान बचाने के लिए गाय का दूध बोतल से पिलाया. उसकी जान तो बच गई लेकिन वह अपने मां से दूर हो गई लेकिन मुस्लिम परिवार ने उसे एक बच्चे की तरह पाला.
सुरक्षा के लिहाज से वन विभाग को सौंपा
हालांकि, मुस्लिम परिवार ने हिरण की बच्ची का नाम मुस्कान रखा और बहुत ख्याल रखा. आस-पास के लोग भी आकर मुस्कान के साथ खेलते थे, हालांकि उन्हें हमेशा यह डर सताए रखता था कि कहीं कुत्ते आकर उसकी मां की तरह उसे भी न शिकार बना ले. इस वजह से पांच साल बाद उन्होंने वन विभाग को सौंप दिया. हकीम खान का परिवार बेहद ही भावुक हो गया, जब मुस्कान की विदाई की जा रही थी. परिवार का कहना है कि मुस्कान की सुरक्षा कारणों से उसे वनविभाग को दे दिया गया. गांव के अन्य लोग भी हकीम खान परिवार की खूब तारीफ कर रहे हैं.
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