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India First Six Lane Expressway: मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे, जिसे यशवंतराव चव्हाण एक्सप्रेसवे भी कहा जाता है, भारत का पहला छह लेन वाला पूर्ण-एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे है. यह एक्सप्रेसवे 94.5 किलोमीटर लंबा है और मुंबई को पुणे से जोड़ता है. इस एक्सप्रेसवे ने यात्रा की दक्षता को बढ़ाया है और सड़क परिवहन के मानकों को नया रूप दिया है.
एक ऐतिहासिक पहल का परिणाम
मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे की परिकल्पना भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी. इसे 22 वर्षों के लंबे विकास कार्य के बाद 2002 में पूरा किया गया था. इस परियोजना की लागत करीब 16,300 करोड़ रुपये थी, जो भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में एक मील का पत्थर साबित हुआ. अब एक्सप्रेसवे के विस्तार के लिए दो अतिरिक्त लेन जोड़ने की योजना बनाई जा रही है, ताकि बढ़ते यातायात को संभाला जा सके.
यात्रा समय में कमी: एक बड़ी उपलब्धि
मुंबई और पुणे के बीच यात्रा समय को इस एक्सप्रेसवे ने बेमिसाल तरीके से कम कर दिया है. पहले यह यात्रा लगभग तीन घंटे की होती थी, जो अब मात्र एक घंटे में पूरी हो जाती है. यह एक्सप्रेसवे न केवल दैनिक यात्री बल्कि दूर-दराज यात्रा करने वाले लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण मार्ग बन गया है. मार्ग के दोनों ओर सह्याद्री पर्वतों के सुंदर दृश्य, कई सुरंगें और हरियाली इस यात्रा को और भी आकर्षक बना देती हैं.
भारत का सबसे महंगा एक्सप्रेसवे
मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे को भारत का सबसे महंगा एक्सप्रेसवे माना जाता है, और इसका मुख्य कारण इसके उच्च टोल शुल्क हैं. ये टोल शुल्क हर साल बढ़ाए जाते हैं, जो हर तीन साल में 18 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं. अप्रैल 2023 में, कारों के लिए टोल शुल्क 270 रुपये से बढ़कर 320 रुपये हो गया, जबकि मिनी बसों और टेम्पो जैसे वाहनों के लिए शुल्क 420 रुपये से बढ़कर 495 रुपये हो गया. एक कार से एकतरफा यात्रा करने पर लगभग 336 रुपये का खर्च आता है, जो प्रति किलोमीटर करीब 3.40 रुपये होता है.
स्पीड लिमिट और भविष्य की योजनाएं
अन्य एक्सप्रेसवे की तुलना में, जिनमें 180 किलोमीटर प्रति घंटे तक की स्पीड लिमिट होती है, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर अधिकतम स्पीड लिमिट 100 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है, ताकि यात्री सुरक्षित रह सकें. भविष्य में इस एक्सप्रेसवे का विस्तार किया जाएगा, जिसमें दो अतिरिक्त लेन और आठ नई सुरंगों का निर्माण होगा. ये सुरंगें मदाप और भाटन के पास चार तथा कंभसेट में दो बनाई जाएंगी.
मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे की शुरुआत कलंबोली, नवी मुंबई से होती है और इसका अंत पुणे के कीवले में होता है. यह एक्सप्रेसवे न केवल दो बड़े शहरों के बीच संपर्क को बेहतर बनाता है, बल्कि इसने क्षेत्रीय व्यापार और यात्रा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है.